उत्तराखंड पहुंचे सीडीएस अनिल चौहान ने चेताया, आखिर क्यों कहा? 'चीन सीमा पर चौकन्ना रहना बेहद जरूरी'
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने उत्तराखंड में चीन सीमा पर चौकन्ना रहने की आवश्यकता बताई। उन्होंने एलएसी के पास अग्रिम क्षेत्रों का दौरा कर सैनिकों की तैयारियों का जायजा लिया। जनरल चौहान ने सैन्य अधिकारियों से संवाद कर उन्हें हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा और सीमा पर कड़ी निगरानी रखने का महत्व बताया।

चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड की सीमाएं भले शांत हैं, लेकिन चीन सीमा को लेकर सतर्क रहना बेहद जरूरी है। भारत और चीन के बीच कुछ सीमा क्षेत्रों को लेकर मतभेद हैं और उत्तराखंड के बाड़ाहोती क्षेत्र में भी पूर्व में ऐसी स्थितियां देखने को मिली हैं। इसलिए सीमा की निगरानी और सतर्कता में किसी तरह की ढिलाई नहीं होनी चाहिए। चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने यह बात उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सीमावर्ती गांवों के लोग देश की सीमा पर सजग प्रहरी की तरह हैं।
देहरादून के गढ़ी कैंट में आयोजित देवभूमि मेगा एक्स सर्विसमेन रैली में सीडीएस ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा केवल सेना की ही नहीं, बल्कि सीमांत गांवों की भी साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का गौरवशाली इतिहास रहा है, यहां के लोगों ने हमेशा सीमाओं की रक्षा में अपना योगदान दिया है। जनरल चौहान ने कहा कि उन्हें हिंदी फिल्म ‘आंखें’ का गीत “उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता, जिस मुल्क की सरहद की निगहबान हैं आंखें” बेहद प्रिय है, क्योंकि यह हमारे सैनिकों और सीमांत ग्रामीणों की सतर्कता का प्रतीक है।
जनरल चौहान ने कहा कि भारतीय सशस्त्र सेनाएं तेजी से आधुनिक युद्ध प्रणाली और तकनीक की ओर बढ़ रही हैं। भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है, लेकिन अपनी संप्रभुता पर किसी भी प्रकार का खतरा बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने पूर्व सैनिकों को राष्ट्र की सीमाओं की “सतर्क आंखें” बताते हुए उनके निस्वार्थ सेवा भाव की सराहना की और युवाओं से उनसे प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
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