CBSE के कोर्स तो हो रहे हैं लागू, लेकिन किताबें उपलब्ध नहीं; पढ़िए पूरी खबर
सीबीएसई ने नई शिक्षा नीति की तर्ज पर छठी कक्षा से ही स्किल और वोकेशनल एजुकेशन को शामिल करना शुरू कर दिया है। नई नीति में निहित आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस के बाद अब इस सत्र से कोडिंग और डाटा साइंस भी शुरू होने जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। सीबीएसई ने नई शिक्षा नीति की तर्ज पर छठी कक्षा से ही स्किल और वोकेशनल एजुकेशन को शामिल करना शुरू कर दिया है। नई नीति में निहित आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस के बाद अब इस सत्र से कोडिंग और डाटा साइंस भी शुरू होने जा रहे हैं। सीबीएसई छात्रों में व्यावसायिक शिक्षा और तार्किक क्षमता बढ़ाने को नए कोर्स कर रहा है, लिकन समस्या ये है कि इनकी किताबें उपलब्ध नहीं करवाई जा रही हैं।
सीबीएसई बोर्ड ने इस सत्र से कोडिंग और डाटा साइंस का कोर्स शुरू कर रहा है। सर्कुलर जारी कर बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में यह कोर्स शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं। शिक्षक और छात्र भी इस पहल का स्वागत कर रहे हैं, लेकिन सभी के मन में कोर्स की किताबों और करिकुलम को लेकर संशय है। दरअसल, सीबीएसई छात्रों के लिए कोर्स तो शुरू कर रहा है, लेकिन इसका लिटरेचर आसानी से उपलब्ध नहीं हो रहा।
केवि एफआरआइ के पीजीटी कंप्यूटर सूर्य प्रकाश डोभाल ने बताया कि नई शिक्षा नीति आने के बाद से सीबीएसई लगातार स्किल डेवलपमेंट से जुड़े कोर्स पाठ्यक्रम में शामिल कर रहा है। आधुनिक समय और करियर की मांग को देखते हुए सीबीएसई ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे कोर्स शुरू कर दिए हैं। इस सत्र से कोडिंग और डाटा साइंस भी शुरू होने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मांग के हिसाब से कोर्स पाठ्यक्रम में शामिल करना ही बेहतरीन पहल है, लेकिन साथ के साथ इससे जुड़ी किताबें, करिकुलम और अन्य लिटरेचर उपलब्ध करवाने पर बोर्ड को काम करना होगा।
ऐसा इसलिए कि किसी भी कोर्स की पढ़ाई तय पाठ्यक्रम के बिना होना संभव नहीं। बताया कि इन वोकेशनल पाठ्यक्रमों से जुड़ी ज्यादा किताबें अभी उपलब्ध नहीं हैं और न ही नियोजित करिकुलम जारी हो सका। हालांकि, कोरोना भी इसका एक बड़ा कारण है, क्योंकि पिछले साल जब से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कोर्स लागू हुआ तब से स्कूल नियमित तौर पर खुल नहीं सके। 12 वीं कक्षा के छात्र आयुष बामनिया ने कहा कि नए कोर्स शुरू होने के साथ ही इससे जुड़ी किताबें भी बाजार में उपलब्ध होनी चाहिए। ताकि छात्रों को कोर्स चुनने के बाद कोई समस्या न हो। अब लागू हो रहे कोर्स में इस बात पर विशेष ध्यान देनी की जरूरत है।
नेशनल बुक्स के मालिक पंकज जैन ने बताया कि पिछले साल कोरोना संक्रमण फैलने के बाद से किताबों की मांगों में भारी गिरावट आई है। नियमित तौर पर हर साल बिकने वाली किताबें ही बाजार में कम उपलब्ध रही। नए कोर्स की किताबें वैसे भी कम उपलब्ध होती हैं। आने वाले सालों में कोर्स नियमित होने और स्थिति सामान्य होने पर किताबें आसानी से उपलब्ध हो जाएगी।
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