सालभर से निलंबित चल रहे ईई सुजीत पर लटकी दोधारी तलवार
सालभर से निलंबित चल रहे पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता सुजीत कुमार विकास पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने आरोप में मुकदमा दर्ज कर दिया है।
देहरादून, जेएनएन। सालभर से निलंबित चल रहे पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता सुजीत कुमार विकास पर दोधारी तलवार लटकती दिख रही है। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने आरोप में जहां एक तरफ विजिलेंस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया, वहीं निगम के प्रबंध निदेशक (एमडी) ने विभागीय जांच अधिकारियों को जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
निलंबित अधिशासी अभियंता की कार्यप्रणाली पर तभी सवाल खड़े होने लगे थे, जब वह देहरादून में वर्ष 2014 से 2017 के बीच तैनात रहे। इस दौरान उन्होंने योजनाओं में गड़बड़ी को लेकर मांगी गई आरटीआइ दबा दी और विभागीय अपीलीय अधिकारी के आदेश के बाद भी सूचना नहीं दी। इस प्रकरण में सूचना आयोग ने भी विभाग को सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए। इसके बाद जब वह मुनिकीरेती खंड में तैनात रहे तो उन पर करीब 50 करोड़ रुपये के कायरें के टेंडर में गड़बड़ी के आरोप लगे। यह काम चारधाम यात्र मार्ग पर पेयजल लाइनों की शिफ्टिंग आदि से संबंधित था। योजना के क्रियान्वयन में भी काफी विलंब हो गया था। उसी दौरान प्रबंध निदेशक के निर्देश पर उन्हें निलंबित कर पौड़ी स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय से अटैच कर दिया गया था। इसके साथ ही मुख्य अभियंता एनएस बिष्ट व वाईके मिश्र को जांच सौंप दी गई थी। प्रबंध निदेशक भजन सिंह ने बताया कि विभिन्न आरोपों पर निलंबित अधिशासी अभियंता को आरोप पत्र दे दिए गए हैं। इसके जवाब को लेकर सुजीत कुमार विकास निरंतर समय मांग रहे हैं। उन्हें कई बार समय दिया जा चुका है, जबकि जांच की कार्रवाई एक माह में पूरी करने के लिए कहा गया था। लिहाजा, दोनों जांच अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंप दें। इसके बाद विभाग नियमानुसार आगे की कार्रवाई शुरू कर देगा। यदि आरोपों की पुष्टि हो जाती है तो निगम भी अपने स्तर पर वैधानिक कार्रवाई को स्वतंत्र हो जाएगा।
वीडियो में रिश्वत लेते कैद ईई पर रहम क्यों?
पेयजल निगम के प्रबंध निदेशक वित्तीय अनियमितता व विजिलेंस जांच में घिरे निलंबित अधिशासी अभियंता सुजीत कुमार विकास पर कार्रवाई को लेकर खासे सक्रिय दिख रहे हैं। मगर, यह सक्रियता चंद प्रकरण में नहीं, बल्कि सभी मामलों में दिखनी चाहिए। पेयजल निगम में मार्च 2018 में दून शाखा के तत्कालीन अधिशासी अभियंता (ईई) इमरान का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह रिश्वत लेते दिख रहे हैं। इसके बाद इमरान को निलंबित कर दिया था, हालांकि कुछ समय बाद ही उन्हें क्लीनचिट देकर बहाल कर दिया गया। प्रबंध निदेशक ने यह जानने की भी जहमत नहीं उठाई कि वीडियो की उच्च स्तरीय तकनीकी जांच करा ली जाए। इसके अलावा भी पेयजल निगम के कई अधिकारियों पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगते रहे हैं।
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प्रबंध निदेशक की ताजपोशी में रही भूमिका
बताया जाता है कि सुजीत कुमार विकास उन अधिकारियों में शामिल हैं, जिन्होंने वर्ष 2013 में भजन सिंह को प्रबंध निदेशक बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। तब सुजीत खासे प्रभावशाली अधिकारियों में गिने जाते थे।
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