देहरादून, जेएनएन। झारखंड में मॉब लिंचिंग की घटना के विरोध में हुए प्रदर्शन के बाद मुफ्ती रईस को बयान देना भारी पड़ गया। बयान को भड़काऊ व सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाला बताते हुए पुलिस ने मुफ्ती रईस के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। सोशल मीडिया में वायरल बयान के आधार पर दर्ज मुकदमे के बाद पुलिस जांच में जुट गई है।
पुलिस के मुताबिक, झारखंड में मॉब लिंचिंग में हुई तबरेज अंसारी की मौत के विरोध में विगत 27 जून को दून में मुस्लिम सेवा संगठन ने जिलाधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा था। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग शामिल हुए। रैली में मुफ्ती रईस निवासी आजाद कॉलोनी ने कचहरी परिसर के बाहर सड़क पर मीडिया कर्मियों को बयान दिया। आरोप है कि जिसमें कई बातें भड़काऊ और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली थीं। जिसका वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। कई संगठनों ने उनके बयान पर मुकदमा दर्ज करने की मांग भी की थी।
सोशल मीडिया में वायरल हुए बयान के आधार पर नगर कोतवाली में मुफ्ती रईस के खिलाफ धारा 153ख, और 505ख, सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास और भड़काऊ बयान देने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। कोतवाल शिशुपाल सिंह नेगी ने खुद मामले में वादी बन मुकदमा दर्ज किया है।
कब हुई थी घटना
मॉब लिंचिंग की घटना झारखंड के सरायकेला खरसवां जिले में 17 जून को सामने आई थी। यहां भीड़ ने चोरी के आरोप में तबरेज अंसारी नामक युवक की जमकर पिटाई कर दी थी। जिसके बाद उसकी 22 जून को मौत हो गई थी।
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