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बोर्ड परीक्षा में छूटे विषयों में परीक्षार्थियों को मिलेंगे औसत अंक

कंटेनमेंट जोन में निवासरत होने की वजह से उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटर परीक्षा से वंचित परीक्षार्थियों को सीबीएसई की तर्ज पर राहत दी जाएगी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 05:08 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 05:08 PM (IST)
बोर्ड परीक्षा में छूटे विषयों में परीक्षार्थियों को मिलेंगे औसत अंक
बोर्ड परीक्षा में छूटे विषयों में परीक्षार्थियों को मिलेंगे औसत अंक

देहरादून, राज्य ब्यूरो। कंटेनमेंट जोन में निवासरत होने की वजह से उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटर परीक्षा से वंचित परीक्षार्थियों को सीबीएसई की तर्ज पर राहत दी जाएगी। छूटे हुए विषयों या प्रश्नपत्रों की परीक्षा के स्थान पर औसत अंक मिलेंगे। बोर्ड की ओर से औसत अंक निर्धारण के फार्मूले को सरकार ने मंजूरी दे दी है। औसत अंक से संतुष्ट नहीं होने पर परीक्षार्थियों को परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा।

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शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। बोर्ड के छूटे विषयों और प्रश्नपत्रों की परीक्षा बीती 20 जून से 25 जून के बीच कराई गई थी। कोरोना संक्रमण के चलते कंटेनमेंट जोन में पड़ने वाले परीक्षा केंद्रों या उनमें निवास करने वाले एवं होम क्वारंटाइन किए गए प्रदेशभर के तीन हजार से ज्यादा परीक्षार्थी उक्त परीक्षा से वंचित रह गए थे। 

बोर्ड ने इन परीक्षार्थियों को औसत अंक देने का फार्मूला तय कर दिया है। इसके मुताबिक चार या उससे ज्यादा विषयों की परीक्षा में शामिल परीक्षार्थियों को छूटे प्रश्नपत्रों में सर्वाधिक अंक प्राप्त तीन विषयों की परीक्षा में प्राप्त अंकों के औसत के आधार पर अंक दिए जाएंगे। तीन विषयों या प्रश्नपत्रों की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र-छात्रओं को सर्वाधिक अंक प्राप्त दो विषयों की परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर औसत अंक दिए जाएंगे। 

दो या कम विषयों या प्रश्नपत्रों की परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को प्राप्त किए गए अंकों के औसत के मुताबिक छूटे गए विषयों में अंक दिए जाएंगे।

इन औसत अंकों के आधार पर उनका परीक्षाफल तैयार होगा। ऐसे परीक्षार्थी जिन्होंने विनियम के तहत एक विषय या प्रश्नपत्र की परीक्षा के लिए आवेदन किया था और कोरोना संक्रमण के बचाव के कारण उक्त परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए, उनके लिए स्थितियां सामान्य होने पर फिर परीक्षा कराई जाएगी। इस परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर ही उनका परीक्षाफल घोषित किया जाएगा।

सरकार ने उक्त परीक्षार्थियों को परीक्षा देने का विकल्प भी दिया है। औसत अंक के आधार पर घोषित परीक्षाफल से संतुष्ट नहीं होने पर उन्हें संबंधित विषयों में परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा। परीक्षार्थी को परीक्षाफल की घोषणा होने के बाद एक महीने के भीतर संस्थाध्यक्ष के जरिये बोर्ड से अनुरोध करना पड़ेगा। स्थितियां सामान्य होने पर बोर्ड परीक्षा आयोजित करेगा। शासनादेश में यह स्पष्ट किया गया है कि परीक्षा का विकल्प देने पर उसमें प्राप्त अंकों को अंतिम माना जाएगा। इसके आधार पर संशोधित परीक्षाफल घोषित किया जाएगा। इस स्थिति में पहले जारी परीक्षाफल को निरस्त कर दिया जाएगा।

निजी स्कूलों की मनमानी पर सीईओ जवाबदेह

हाईकोर्ट के फीस वसूली को लेकर निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगेगा। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बुधवार को आदेश जारी कर सभी जिलों में मुख्य शिक्षा अधिकारियों को हाईकोर्ट के आदेश को अमल में लाने को नोडल अधिकारी नामित किया किया है। आदेश नहीं मानने वाले निजी स्कूलों को मुख्य शिक्षाधिकारी नोटिस देकर सुनवाई का मौका देंगे।

हाईकोर्ट ने तीन जुलाई को उक्त संबंध में दायर याचिका पर निर्णय आदेश जारी किया है। इसका पालन करते हुए सरकार ने सभी जिलों में मुख्य शिक्षाधिकारियों की जवाबदेही तय कर दी है। 

शासनादेश के मुताबिक प्रदेश में निजी स्कूल चालू शैक्षिक सत्र 2020-21 में किसी भी परिस्थिति में फीस में वृद्धि नहीं करेंगे। ऑनलाइन या अन्य संचार माध्यमों से पढ़ाई कराने वाले स्कूलों को ही लॉकडाउन अवधि में ट्यूशन फीस लेने की अनुमति होगी। छात्रों को फीस जमा करने में देरी के कारण स्कूल से बाहर नहीं किया जा सकेगा। लॉकडाउन अवधि में सरकारी, अर्ध सरकारी अधिकारी व कर्मचारी नियमित रूप से वेतन प्राप्त कर रहे हैं। उनकी आजीविका पर किसी भी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ने के कारण उनसे नियमित रूप से निर्धारित ट्यूशन फीस जमा कराई जाएगी। 

आदेश के मुताबिक निजी स्कूलों ने यदि अतिरिक्त विषयों की पढ़ाई भी ऑनलाइन कराई है तो उन्हें ही अतिरिक्त विषय की पढ़ाई के लिए पहले से निर्धारित फीस ट्यूशन फीस के अतिरिक्त लेने की अनुमति होगी। ऑनलाइन या अन्य संचार माध्यमों से पढ़ाई का लाभ लेने के बावजूद फीस देने में असमर्थ अभिभावक स्कूल प्रधानाचार्य या प्रबंध समिति से फीस जमा कराने के लिए अतिरिक्त समय का अनुरोध कर सकते हैं। 

किसी भी परिस्थिति में छात्रों को फीस जमा करने में देरी के कारण स्कूल से निकाला नहीं जा सकेगा। उक्त आदेश निजी डे और डे बोर्डिग स्कूलों पर समान रूप से लागू होंगे। आदेश में कहा गया कि ऐसे निजी स्कूल जो ऑनलाइन शिक्षण के बगैर अभिभावकों से ट्यूशन फीस लेने का दबाव बना रहे हैं, उनके खिलाफ 24 जून को जारी शासनादेश के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। निजी स्कूलों को नोटिस जारी कर सुनवाई का मौका दिया जाएगा। इसके बाद उक्त मामलों में आगे कार्यवाही होगी।

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यह हैं आदेश

  • हाईकोर्ट के आदेश के क्रियान्वयन को हर जिले में सीईओ नोडल अधिकारी
  • कार्यवाही से पहले निजी स्कूलों को नोटिस देकर मिलेगा सुनवाई का मौका
  • ऑनलाइन पढ़ाई कराने वाले स्कूलों को लॉकडाउन अवधि में ट्यूशन फीस लेने की अनुमति
  • कंटेनमेंट जोन के परीक्षार्थियों को औसत अंक देने को बोर्ड के फामरूले को मंजूरी
  • चार विषय में परीक्षा देने वाले को तीन विषयों के अंक के आधार पर देंगे औसत अंक

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