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    युवाओं, बेरोजगारों को आंदोलन से जोड़ने की सोशल मीडिया पर मुहिम

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sun, 16 Feb 2020 11:10 AM (IST)

    बिना आरक्षण पदोन्नति प्रक्रिया बहाल करने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन में अब युवाओं और बेरोजगारों को भी जोड़ने की मुहिम तेज कर दी गई है।

    युवाओं, बेरोजगारों को आंदोलन से जोड़ने की सोशल मीडिया पर मुहिम

    देहरादून, जेएनएन। बिना आरक्षण पदोन्नति प्रक्रिया बहाल करने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन में अब युवाओं और बेरोजगारों को भी जोड़ने की मुहिम तेज कर दी गई है। कर्मचारी संगठनों की ओर से सोशल मीडिया पर संदेश प्रसारित कर कहा जा रहा है कि यदि इस मुद्दे पर अभी एकजुट नहीं हुए तो इसका खामियाजा उन्हें और आने वाली पीढ़ी को भी भुगतना पड़ेगा। 20 फरवरी को देहरादून में होने वाली महारैली के लिए कर्मचारियों को सपरिवार लाने के साथ-साथ युवाओं और बेरोजगारों को भी लाने का जिम्मा सौंपा गया है।

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    पदोन्नति में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार की ओर से की जा रही हीलाहवाली पर जनरल-ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों में खासा आक्रोश है। शुक्रवार को उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इम्प्लाइज एसोसिएशन ने सचिवालय कूच कर सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि सरकार जल्द उनके हक में शासनादेश जारी नहीं करती है तो 20 फरवरी को देहरादून में महारैली होगी।

    इसके बाद बेमियादी हड़ताल की घोषणा कर दी जाएगी। वहीं, कांग्रेस समेत अन्य कई नेताओं के पदोन्नति आरक्षण को लेकर दिए गए बयान से भी आक्रोश है। जनरल-ओबीसी कर्मचारी नेताओं का कहना है कि मामले को लेकर की जा रही सियासत का परिणाम है कि सरकार एक बड़े वर्ग के हित में फैसला लेने में हिचक रही है। एसोसिएशन ने साफ कर दिया है कि बीस की महारैली में प्रदेश भर से कर्मचारी तो सपरिवार पहुंचेंगे ही, युवाओं और बेरोजगारों से भी पहुंचने का आह्वान किया गया है।

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    विभागों में संपर्क किया तेज

    उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इम्प्लाइज एसोसिएशन की ओर से जिलों के संयोजक मंडल, अध्यक्ष और महासचिवों को पत्र भेजकर महारैली को लेकर कार्यालयों में जाकर संपर्क करने को कहा गया है। वहीं सोशल मीडिया पर भी आंदोलन के औचित्य को ठोस तर्कों के साथ रखते हुए जागरूक करने को कहा गया है।

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