Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Budget में किसानों के लिए सौगात, इस तरह आय दोगुना कर सकेंगे उत्‍तराखंड के 7.07 लाख अन्‍नदाता

    Budget 2025 किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) में ऋण सीमा बढ़ाकर पांच लाख किए जाने से उत्तराखंड के 7.07 लाख लघु एवं सीमांत किसानों को भी लाभ मिलेगा। वर्ष 2023-24 में राज्‍य के सभी जिलों के छह लाख से ज्यादा किसानों ने क्राप लोन लिए जबकि 3.31 लाख ने टर्म लोन विभिन्न बैंकों से लिया। वहीं भाकपा (माले) के राज्य सचिव इन्द्रेश मैखुरी ने भी बजट प्रतिक्रिया दी है।

    By kedar dutt Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 01 Feb 2025 06:38 PM (IST)
    Hero Image
    Budget 2025: किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) में ऋण सीमा बढ़ाकर पांच लाख की। जागरण

    राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। Budget 2025: किसानों की आय दोगुना करने के दृष्टिगत चल रहे प्रयासों की कड़ी में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) में ऋण सीमा बढ़ाकर पांच लाख किए जाने से उत्तराखंड के 7.07 लाख लघु एवं सीमांत किसानों को भी लाभ मिलेगा। क्राप व टर्म लोन की राशि में बढ़ोतरी होने पर वे फसल प्रबंधन बेहतर ढंग से कर सकेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भौगोलिक दृष्टि से देखें तो उत्तराखंड के 13 जिलों में से नौ विशुद्ध रूप से पर्वतीय हैं, जबकि दो पर्वतीय व मैदानी भूगोल को स्वयं में समाहित किए हैं। दो जिले मैदानी स्वरूप वाले हैं। जाहिर है कि इन जिलों की कृषि व्यवस्था भी पर्वतीय, मैदानी व घाटी क्षेत्रों में विभक्त है।

    खेती से बेहतर उत्पादन लेने के दृष्टिगत उन्नत बीज, खाद की खरीद, परिवहन, विपणन की व्यवस्था में धन की कमी आड़े न आए, इसके लिए शुरू की गई केसीसी योजना यहां के लघु एवं सीमांत किसानों के लिए बड़ा संबल बनकर उभरी है। वर्ष 2023-24 की ही बात करें तो सभी जिलों के छह लाख से ज्यादा किसानों ने क्राप लोन लिए, जबकि 3.31 लाख ने टर्म लोन विभिन्न बैंकों से लिया। अब यह संख्या बढ़ सकती है।

    वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण।

    उत्तराखंड में पर्यटन विकास को लेकर बजट में जिक्र तक न होना दिखा रहा उपेक्षा-इंद्रेश

    कर्णप्रयाग: उत्तराखंड में विधानसभा की अध्यक्ष भराड़ीसैंण में सुविधाओं का अभाव होने के चलते विधानसभा सत्र, देहरादून में आयोजित करने को कह रही हैं। वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट में आंध्रप्रदेश को राजधानी के विकास की आवश्यकताओं को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में 15 हज़ार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह बात इन्द्रेश मैखुरी राज्य सचिव, भाकपा (माले) ने प्रस्तुत बजट पर अपनी टिप्पणी देते हुए कही।

    मैखुरी ने कहा इस एक आंकड़े से डबल इंजन के तमाम शोरगुल के बीच उत्तराखंड के हासिल का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। साफ है कि उत्तराखंड को बजट में कुछ हासिल नहीं हुआ है। पर्यटन को लेकर बजट में कुछ बातें और घोषणाएं की गयी हैं। लेकिन भारत के पर्यटन मानचित्र का प्रमुख राज्य होने के बावजूद उत्तराखंड का उसमें जिक्र तक नहीं है।

    उत्तराखंड में बादल फटने और भूस्खलन का उल्लेख करते हुए चलाऊ अंदाज में लिख दिया गया है कि सहायता उपलब्ध करवाएंगे यह आपदाओं और उनसे निपटने को लेकर केंद्र सरकार के बेरूखे अंदाज को को ही प्रदर्शित कर रहा है। रोजगार सृजन हो या अवसंरचना विकास सब कुछ में योजना केवल निजी क्षेत्र के लाभ और विकास की है।

    पूरा बजट निजी क्षेत्र के मुनाफे को समर्पित है। इसलिए रोजगार सृजन को लेकर जितना भी शब्द जाल है, उसका लाभार्थी निजी क्षेत्र है। बीमा क्षेत्र को तो शत प्रतिशत विदेशी निवेश के लिए खोल दिया गया है। किसानों को अन्नदाता कह देने भर से कृषि क्षेत्र का भला होने वाला नहीं है।

    किसान तो एमएसपी की गारंटी के कानून के लिए निरंतर संघर्ष कर रहे हैं। उसके प्रति केंद्र सरकार क्रूर उपेक्षा बरते हुए। कृषि क्षेत्र जिस संकट से गुजर रहा है, उससे बाहर निकालने का कोई रास्ता बजट में नहीं है. प्राकृतिक खेती का नया शिगूफा जरूर छोड़ा गया है।