Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रोहित नेगी हत्याकांड: जनाक्रोश के बाद हरकत में आई पुलिस तो दबोचा गया 'कातिल', पूरी कहानी जानकर हो जाएंगे हैरान

    Updated: Fri, 06 Jun 2025 07:50 AM (IST)

    देहरादून के मांडूवाला में भाजपा नेता रोहित नेगी की हत्या के मामले में पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए दो आरोपियों को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया। जन आक्रोश और राजनीतिक दबाव के चलते एसएसपी ने खुद कमान संभाली। रोहित की हत्या दोस्त की प्रेमिका को धमकाने के कारण हुई। मुख्य आरोपी अजहर त्यागी का आपराधिक इतिहास रहा है जिसके कारण लोगों में भारी गुस्सा था।

    Hero Image
    मुठभेड़ में पकड़ा गया (बाएं से) आयुष उर्फ सिकंदर और आरोपित अजहर। साभार पुलिस

     जागरण संवाददाता, देहरादून। दून के मांडूवाला में भाजपा नेता रोहित नेगी की हत्या के मामले में आखिरकार जनाक्रोश काम आया। तीन दिन से मामले में हो रही किरकिरी के बाद पुलिस पर जब चौतरफा दबाव बना तो खुद एसएसपी अजय सिंह ने कमान संभाली और गुरुवार देर रात दोनों हत्यारोपितों को मुठभेड़ के बाद दबोच लिया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जनदबाव इस कदर था कि पुलिस को उत्तराखंड की सीमा से बाहर जाकर उत्तर प्रदेश के सीमा क्षेत्र पुरकाजी में जाकर आरोपितों की घेराबंदी करनी पड़ी। मुख्य हत्यारोपित चूंकि मुस्लिम समुदाय का है, लिहाजा स्वजन, स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों से लेकर हिंदू संगठन भी पुलिस के विरुद्ध मोर्चा खोले हुए थे।

    यही नहीं, क्षेत्रीय सहसपुर विधायक सहदेव पुंडीर ने तो जनता के साथ सड़क पर आंदोलन करने की चेतावनी तक दे डाली थी। दोस्त और उसकी प्रेमिका के कारण हुए विवाद में बेवजह जान गंवाने वाले रोहित नेगी की हत्या के बाद दून में हर ओर जनाक्रोश नजर आ रहा था।

    दरअसल, रोहित का कसूर केवल इतना था कि वह दोस्त की प्रेमिका के पूर्व प्रेमी अजहर त्यागी को सबक सिखाने जा रहा था। घटना वाली रात रोहित, उसका दोस्त व उसकी प्रेमिका पार्टी कर रहे थे कि तभी अजहर त्यागी ने युवती को मोबाइल पर धमकाना शुरू कर दिया। इसी घटनाक्रम के बीच अजहर त्यागी को सबक सिखाने के लिए रोहित अपने दोस्त के साथ कार से जा रहा था कि रास्ते में त्यागी ने कार के सामने आकर फायरिंग कर दी।

    गोली कार के फ्रंट शीशे से होकर सीधे अंदर बैठे रोहित को जा लगी और उसकी मौत हो गई। चूंकि, आरोपित अजहर त्यागी के विरुद्ध पूर्व में भी मुकदमे दर्ज हैं और वह खुलेआम गुंडागर्दी करते हुए घूम रहा था, ऐसे में लोगों का आक्रोश भड़क गया।

    खासकर, प्रेमनगर थाना पुलिस मामले में संदेह के घेरे में रही, क्योंकि शिकायत के बावजूद पुलिस अजहर त्यागी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी। पुलिस की इसी लापरवाह कार्यशैली के कारण स्वजन, क्षेत्रीय जन, विधायक आदि सड़क पर उतर आए व प्रदर्शन किया।

    बुधवार को विधायक सहदेव पुंडीर ने एसएसपी से मुलाकात कर आरोपितों की गिरफ्तारी न होने पर नाराजगी जताई थी, वहीं गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव विनोद सिंह चौहान के नेतृत्व में कार्यकर्ता आइजी गढ़वाल से मिले और तत्काल आरोपित की गिरफ्तारी की मांग की।

    उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी में दूसरे राज्य का युवक भाजपा कार्यकर्ता रोहित नेगी की मांडुवाला में गोली मारकर हत्या कर देता है और पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही। इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता मोहन काला, राहुल शर्मा, आशीष गुसांई, मोहन रावत, अर्पण सलाल, ट्विंकल अरोड़ा, संजय मौर्य, विक्की गोयल, मनीष गर्ग, संजय गुरुंग नितिन चंचल, नीराज आदि मौजूद रहे।

    आया था पढ़ने, बदमाश बन गया अजहर

    रोहित नेगी हत्याकांड में गिरफ्तार अजहर त्यागी पांच साल पहले देहरादून पढ़ने के लिए आया तो था, लेकिन इस दौरान उसका ध्यान पढ़ाई में कम, बल्कि गुंडागर्दी की तरफ ज्यादा चला गया। इसी दौरान उसकी दोस्ती मेरठ निवासी आन्या खान से मुलाकात हुई। आन्या प्रेमनगर स्थित एक कालेज से फिजियोथैरेपी का कोर्स कर रही थी।

    अजहर की गुंडागर्दी से परेशान आन्या ने उससे किनारा कर लिया और आठ माह पूर्व उसकी दोस्ती रोहित नेगी के दोस्त आयुष से हो गई। इसके बाद अजहर उसे परेशान करने लगा। वह लगातार आन्या को फोन कर धमकाने लगा व पीछा करने लगा। घटना वाली यानी सोमवार देर रात भी अजहर ने आन्या को फोन करके धमकाना शुरू कर दिया, जिस वक्त वह रोहित व आयुष के साथ पार्टी कर रही थी।

    जैसे मेरे बेटे को मारी थी, उसके भी सीने में दाग देते गोली

    हत्यारोपित अजहर त्यागी की गिरफ्तारी के बाद रोहित की मां सोमबाला और बहन ने पुलिस कार्रवाई पर संतोष तो जताया, लेकिन कहा कि उसके पैर में नहीं बल्कि सीने पर गोली मारनी चाहिए थी। मां ने आवेश में यह भी कहा कि जिस तरह उसने मेरे बेटे को गोली मारी थी, पुलिस को भी वैसे ही अजहर के सीने में गोली दाग देनी चाहिए थी। भले बेटे का कातिल अब सलाखों के पीछे पहुंच जाएगा, लेकिन बेटे के इस दुनिया से जाने का दुख शायद ही कभी रोहित के परिवार वालों से दूर हो पाएगा।

    घर का इकलौता चिराग था रोहित

    तिलवाड़ी निवासी रोहित नेगी (33 वर्ष) घर का इकलौता चिराग था। पिता के बीमार होने के कारण रोहित का अंतिम संस्कार भी रिश्तेदारों ने किया था। रोहित की मां सोमबाला नेगी के आंसू नहीं रुक रहे। वहीं, पिता ऋषिराज नेगी पैर में चोट लगने के कारण बिस्तर पर उपचाराधीन हैं।

    इन दिनों रोहित की शादी को लेकर भी स्वजन चर्चा में लगे हुए थे। परिवार को सुबह उसकी हत्या का पता चला। रोहित की एक छोटी बहन है। पूरे परिवार की जिम्मेदारी रोहित पर ही थी। रोहित का अंतिम संस्कार भी उसके मामा के बेटे ने किया था।

    इस घटना ने हर किसी को व्यथित किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से आरोपितों को तत्काल गिरफ्तार करने के निर्देश जारी किए गए थे। सूचना मिली कि दोनों आरोपित मंगलौर से मुजफ्फरनगर की तरफ जाने वाले हैं, जिसके बाद पुलिस टीमों को सतर्क किया गया और मंगलौर पुलिस के सहयोग से दोनों आरोपितों को मुठेमुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया। बाहर से आकर उत्तराखंड में इस तरह की आपराधिक घटना करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।-अजय सिंह, एसएसपी, देहरादून।