उत्तराखंड में हिमालयी पक्षियों की सर्वाधिक प्रजातियां, बर्ड काउंट इंडिया की ओर से किए गए सर्वे में सामने आए तथ्य
उत्तराखंड तितली ट्रस्ट के संस्थापक संजय सोंधी ने बताया कि ई-बर्ड वैश्विक पटल के तहत बर्ड काउंट इंडिया ने बीते 14 मई को विभिन्न हिमालयी राज्यों में हिमालयी पक्षियों की गणना की। इस रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में हिमालयी पक्षियों की 171 प्रजातियां देखी गई हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून: समृद्ध वन संपदा के लिए प्रख्यात उत्तराखंड परिंदों के लिए भी मुफीद पनाहगाह है। यहां देश के अन्य राज्यों की तुलना में हिमालयन पक्षियों की सर्वाधिक प्रजातियां हैं। बर्ड काउंट इंडिया के पहले हिमालयन बर्ड सर्वे की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। इस रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में हिमालयी पक्षियों की 171 प्रजातियां देखी गई हैं।
विभिन्न हिमालयी राज्यों में हिमालयी पक्षियों की गणना की
उत्तराखंड तितली ट्रस्ट के संस्थापक संजय सोंधी ने बताया कि ई-बर्ड वैश्विक पटल के तहत बर्ड काउंट इंडिया ने बीते 14 मई को विभिन्न हिमालयी राज्यों में हिमालयी पक्षियों की गणना की। इस दौरान उत्तराखंड में हिमालयी पक्षियों की सर्वाधिक 171 प्रजातियां, जबकि पश्चिम बंगाल के कलिपोंग में सबसे कम आठ प्रजातियां देखी गईं।
उत्तराखंड पक्षी प्रेमियों के लिए उपयुक्त स्थान
उन्होंने बताया कि दुर्लभ रेडक्रास बिल के साथ ही सर्वे टीम ने उत्तराखंड में मोनाल, द वाल क्रीपर, स्पाटेड नटक्रेकर और स्ट्रीक ब्रेस्टेड शिमिटर बैबलर समेत कई अन्य पक्षी देखे। इससे पहले भी समय-समय पर हुए सर्वे में उत्तराखंड पक्षियों के लिए मुफीद ठिकाना साबित हुआ है। यहां देशभर की प्रमुख पक्षी प्रजातियों से लेकर विशिष्ट हिमालयी पक्षी पाए जाते हैं। समृद्ध जैव विविधता के कारण उत्तराखंड पक्षी प्रेमियों के लिए उपयुक्त स्थान है।
सर्वे में यह रही स्थिति
स्थान-पक्षी प्रजाति
उत्तराखंड- 171
लद्दाख- 148
हिमाचल प्रदेश- 125
जम्मू और कश्मीर- 122
दार्जिलिंग (प. बंगाल)- 49
अरुणाचल प्रदेश- 47
सिक्किम- 36
कलिपोंग (प. बंगाल)- 08
सभी चिड़ियाघरों व राष्ट्रीय उद्यानों में 12 वर्ष तक के बच्चों को मुफ्त प्रवेश
प्रदेश के सभी चिड़ियाघरों के साथ ही टाइगर रिजर्व, राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य, नेचर पार्क और कंजर्वेशन रिजर्व में अब 12 साल तक के बच्चों को मुफ्त प्रवेश मिलेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के क्रम में शासन के निर्देश पर मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डा. पराग मधुकर धकाते ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने पिछले वर्ष एक अक्टूबर को यह घोषणा की थी। इस क्रम में शासन ने अपर प्रमुख वन संरक्षक नियोजन एवं वित्तीय प्रबंधन के अलावा वित्त विभाग से भी विमर्श किया।
फिर यह निर्णय लिया गया कि राज्य के दोनों टाइगर रिजर्व, सभी छह राष्ट्रीय उद्यान, सात अभयारण्य, चार कंजर्वेशन रिजर्व के साथ ही चिड़ियाघरों व नेचर पार्क में 12 वर्ष तक के बच्चों को निश्शुल्क प्रवेश दिया जाएगा। इस पहल के पीछे सरकार की मंशा बच्चों को वन एवं वन्यजीव संरक्षण के लिए प्रेरित करने की है।