Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुफ्त राशन का उठाना है फायदा तो करना होगा ये जरूरी काम, आंगनबाड़ी केंद्रों में नई व्यवस्था लागू

    Updated: Tue, 01 Jul 2025 04:49 PM (IST)

    बाल विकास एवं महिला सशक्तीकरण विभाग ने राशन वितरण से पहले लाभार्थियों का बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। पोषण ट्रेकर ऐप के माध्यम से सत्यापन होगा जिसके बाद ही राशन मिलेगा। यह कदम फर्जी लाभार्थियों को रोकने और योजना में पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया है। डोईवाला ब्लॉक समेत देहरादून जिले में यह व्यवस्था लागू हो गई है। इससे आंगनबाड़ी केंद्रों की जवाबदेही भी तय हो सकेगी।

    Hero Image
    ऋषिकेश के गीता नगर-1 आंगनबाड़ी केंद्र में लाभार्थी महिला के फेस का बायोमीट्रिक सत्यापन करती आंगनबाड़ी कार्यकर्ता।- जागरण

    गौरव ममगाईं, ऋषिकेश। अब आंगनबाड़ी केंद्रों में फर्जी लाभार्थियों पर रोक लगाने के लिए बाल विकास एवं महिला सशक्तीकरण विभाग ने राशन वितरण से पहले लाभार्थियों का बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। सत्यापन में पहचान की पुष्टि होने के बाद ही लाभार्थियों को टेक होम राशन (टीएचआर) योजना का लाभ मिलेगा। सत्यापन नहीं कराने वालों को राशन वितरित नहीं होगा। डोईवाला ब्लॉक समेत देहरादून जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों में इस नई व्यवस्था को लागू कर दिया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बाल विकास एवं महिला सशक्तीकरण विभाग ने आंगनबाड़ी केंद्रों की संचालिका आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को मोबाइल वितरित किए हैं, जिनमें ‘पोषण ट्रेकर’ एप मुहैया कराया गया है। इस ऐप के माध्यम से लाभार्थियों का बायोमेट्रिक सत्यापन कराना होगा। इस कड़ी में डोईवाला ब्लाक समेत अन्य आंगनबाड़ी केंद्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने लाभार्थियों का सत्यापन करना शुरू कर दिया है।

    लाभार्थियों को सूचित कर दिया है कि राशन वितरण लाभार्थी को ही किया जाएगा, इससे पहले लाभार्थी को बायोमेट्रिक सत्यापन कराना होगा। बता दें कि टेक होम राशन के तहत गर्भवती धात्री व शिशुओं (छह माह से तीन वर्ष तक) को राशन दिया जाता है। इसमें अब तक तीन किग्र 800 ग्राम गेहूं व इतनी मात्रा में चावल वितरित किया जाता है।

    पहले यह थी व्यवस्था, अब यह बदलाव

    ऋषिकेश के गीता नगर-1 की संचालिका आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पिंकी भट्ट ने बताया कि पहले आंगनबाड़ी केंद्रों में लाभार्थी के नाम आफलाइन मोड में रजिस्टर व आनलाइन फीड किए जाते थे। लाभार्थी के परिवार का कोई भी सदस्य राशन लेने आता था तो उन्हें दे दिया जाता था। लेकिन अब सिर्फ लाभार्थी को ही राशन दिया जाएगा, अन्य सदस्य को नहीं। बताया कि अब लाभार्थी को सबसे पहले आधार लिंक कराना होगा। राशन वितरण से पहले पोषण ट्रेकर एप पर फेस का बायोमेट्रिक सत्यापन किया जाएगा, जिसके बाद आधार में दर्ज मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा। ओटीपी दर्ज होने के बाद लाभार्थी को राशन दिया जाएगा।

    फर्जी लाभार्थियों की आती रही है शिकायत

    विभागीय कर्मचारियों ने कहा कि पहले कई बार एक लाभार्थी एक से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्रों से टीएचआर का लाभ लेते रहे हैं। कई शिकायतें मिलती रही हैं कि एक लाभार्थी ने शहर में भी योजना का लाभ लिया और गांव में भी लाभ लिया। जबकि, कई जिलों में पर्वतीय व शहरी क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केंद्रों की ऐसी भी शिकायतें मिलती रही हैं कि वहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियमित रूप से केंद्रों का संचालन नहीं करती हैं और कई बार फर्जी लाभार्थियों का नाम दर्शा दिया जाता है। जिससे उनकी क्षेत्र में सक्रियता नजर आती रहे। अब नई व्यवस्था लागू होने से योजना में पारदर्शिता व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की जवाबदेही भी तय हो सकेगी।