बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा अश्वमेघ यज्ञ स्थल
विकासनगर रविवार को पूर्व सांसद तरुण विजय ने बाड़वाला क्षेत्र के जगतग्राम में स्थित अश्वमेघ यज्ञ स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रदेश सरकार व भारतीय पुरतत्व विभाग के प्रति आभार भी जताया।

जागरण संवाददाता, विकासनगर: रविवार को पूर्व सांसद तरुण विजय ने बाड़वाला क्षेत्र के जगतग्राम में अश्वमेघ यज्ञ स्थल पर पुनरोद्धार कार्य का निरीक्षण किया। यहां पर हिदू प्राचीन धरोहर परिचय सत्र के दौरान पूर्व सांसद ने कहा कि अश्वमेघ स्थल को बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। सरकार ने स्थल तक पहुंच मार्ग के लिए दो करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। पूर्व सांसद ने कहा कि जगतग्राम अश्वमेध स्थल पर नई खोज हुई है, यहां से ब्राहमी लिपि में संस्कृत अभिलेख की ईंट भी मिली है।
अश्वमेघ यज्ञ स्थल पर हुए हेरीटेज वॉक में बताया गया कि गरूड़ अश्वमेध स्थल जगतग्राम के साथ ही कौशांबी में भी है। जगतग्राम में तीसरी सदी (आज से 1700 वर्ष पूर्व) राजा शीलवर्मन ने इस क्षेत्र में गरूड़ के आकार की यज्ञ वेदिका बनाकर अश्वमेघ यज्ञ किया, जो स्वयं में दुर्लभ है। यह स्थान निर्जन व बिना पहुंच मार्ग व उपेक्षा का शिकार था। पूर्व सांसद तरूण विजय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से आग्रह कर इसका पुनरूद्धार कार्य शुरू कराया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मार्ग के लिए दो करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। विकासनगर से छह किलोमीटर की दूरी पर बाड़वाला क्षेत्र के जगतग्राम में स्थित अश्वमेध यज्ञ स्थल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से 1952 से 1954 के बीच उत्खनन के बाद प्रकाश में आया था। उत्खनन में पक्की ईंटों से निर्मित तीसरी शताब्दी की तीन यज्ञ वेदी का भी पता चला। रविवार को प्राचीन धरोहर यज्ञ स्थल पहुंचकर पूर्व राज्यसभा सांसद तरुण विजय ने कार्य का निरीक्षण किया। जगतग्राम अश्वमेघ गौरव अभियान के प्रमुख पूर्व सांसद तरुण विजय ने कहा कि यह खोज नवीन उत्खनन की ओर ले जाएगी। ब्राह्मी लिपि में संस्कृत अभिलेख की खोज को इंगित करते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि आज वे बेहद प्रसन्न हैं उनके प्रयास सफल हो रहे हैं। बताते हैं कि यहां अभी अनेक रहस्य दबे पड़े हैं। यह स्थान अंतरराष्ट्रीय पर्यटन का केंद्र बनेगा। 1700 वर्ष पुरानी गरुड़ अश्वमेघ स्थल जगतग्राम में पूर्व सांसद ने पुनरुद्धार कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की महानिदेशक विद्यावती का इस स्थल के पुनरुद्धार के लिए आभार जताया। कहा कि इस यज्ञ स्थल की दशा और दिशा सुधारने के लिए जहां राज्या सरकार ने 2 करोड़ों रुपये मंजूर किए हैं, वहीं केंद्र सरकार से भी इसको पूरा समर्थन मिल रहा है। सरकार से मांग की जाएगी कि इस क्षेत्र को फाइबर की कैनोपी से ढक दें, जिससे यह खराब न हो। इस मौके पर प्रधान जगतग्राम अरूण खत्री, पुरातत्व विभाग के सहायक अधीक्षणविद रणजीत सिंह, सहायक पुरातत्वविद मनोज कुमार, संरक्षण सहायक एमएस रावत, कनिष्ठ संरक्षण सहायक अभिषेक कुंवर आदि मौजूद रहे।
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