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खाद्य सुरक्षा योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, अपात्रों को राशन कार्ड

राजधानी देहरादून में खाद्य सुरक्षा योजना में फर्जीवाड़ा सामने आया है। दरअसल, यहां अपात्र लोगों के राशन कार्ड बना दिए गए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 06 Dec 2017 02:12 PM (IST)Updated: Wed, 06 Dec 2017 09:31 PM (IST)
खाद्य सुरक्षा योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, अपात्रों को राशन कार्ड
खाद्य सुरक्षा योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, अपात्रों को राशन कार्ड

देहरादून, [अंकित सैनी]: खाद्य सुरक्षा योजना में बड़ा खुलासा हुआ है। जिला आपूर्ति अधिकारी की ओर से की गई खाद्य सुरक्षा योजना के राशन कार्डों की जांच में काफी संख्या में ऐसे लोग सामने आएं हैं, जो पात्रता के दायरे से बाहर हैं और उनके खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन कार्ड बनाए गए हैं। हालांकि, फिलहाल विभाग ने राशन कार्डों की संख्या का खुलासा नहीं किया है। विभाग का कहना है कि दो दिन के भीतर अपात्रों का डाटा तैयार कर लिया जाएगा, जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। 

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दरअसल, खाद्य सुरक्षा योजना के लिए परिवार की मासिक आय 15 हजार रुपये या इससे कम होनी चाहिए। जब से योजना लागू हुई है, तभी से आरोप लगते रहे हैं कि योजना के तहत काफी संख्या में पात्र परिवारों को छोड़ दिया गया, जबकि ऐसे लोगों के राशन कार्ड बना दिए गए जिनके परिवार की आय पात्रता से कहीं अधिक है। कुछ दिन पूर्व जिलाधिकारी व जिला पूर्ति अधिकारी को इस संबंध में शिकायत भी मिली थी। शिकायत में अपात्रों के राशन कार्ड बनाने के साथ कई फर्जी राशन कार्ड बनाने का भी आरोप लगा था।

इसके बाद विभाग ने करीब दो दर्जन दुकानदारों की जांच की। प्रारंभिक जांच के बाद विभाग ने अलग-अलग क्षेत्र के पूर्ति निरीक्षकों को क्षेत्र में भेजकर राशन कार्ड धारकों का भौतिक सत्यापन कराया। जिसमें निरीक्षकों ने परिवार की आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन किया। जिसके बाद पता चला कि ऐसे परिवारों की संख्या सैंकड़ों या हजारों तक पहुंच रही हैं, जिनके खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन कार्ड बने हुए हैं, लेकिन उनके परिवार की मासिक आय पात्रता से कहीं ज्यादा है।

हालांकि, जांच में फर्जी राशन कार्ड तो न के बराबर मिले हैं, लेकिन ऐसे परिवारों की संख्या काफी हैं, जो पात्र न होने के बावजूद योजना का लाभ ले रहे हैं। सूत्रों की मानें तो विभाग की जांच में यह भी बात सामने आई है कि कई लोगों को तो पता भी नहीं है कि उनके नाम का राशन कार्ड बनवाए गए हैं। विभाग का शक है कि कुछ राशन डीलरों ने निजी हित साधने के लिए ये राशन कार्ड बनवाए हैं। अब विभाग इन कार्डों का डाटा तैयार कर रहा है। 

सभी की होगी जांच 

करीब दो दर्जन डीलरों की दुकान पर जांच से हुए खुलासे के बाद विभाग ने अब जिले के सभी ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के राशन डीलरों की जांच शुरू कर दी है। 

जिलापूर्ति अधिकारी विपिन कुमार का कहना है कि कुछ अपात्र परिवार सामने आए हैं। एक या दो दिन में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। जिन अपात्रों के कार्ड बने हैं, उनके कार्ड निरस्त कर पात्रों के कार्ड बनाए जाएंगे। साथ ही विभाग ने सभी डीलरों के यहां कार्डों की जांच भी शुरू कर दी है।

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