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Bhai Dooj 2021: भाई दूज का त्योहार कल, बहनें करेंगी भाई की सुख-समृद्धि की कामना; जानें- शुभ मुहूर्त ऐसे करें पूजा

Bhai Dooj 2021 भाई दूज पर्व कल यानी शनिवार को मनाया जाएगा। इसके लिए दून में बाजारों में गिफ्ट आइटम से लेकर पूजा सामग्री की खूब खरीदारी हो रही है। इस बार बहन-भाइयों में भाई दूज को लेकर खासा उत्साह नजर आ रहा है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Fri, 05 Nov 2021 01:01 PM (IST)Updated: Fri, 05 Nov 2021 02:57 PM (IST)
भाई दूज का त्योहार कल, बहनें करेंगी भाई के लिए सुख-समृद्धि की कामना; ऐसे करें पूजा।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Bhai Dooj 2021 भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक भाई दूज (भैया दूज) पर्व कल यानी शनिवार को मनाया जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर एक बजकर 10 मिनट से लेकर तीन बजकर 21 मिनट तक रहेगी। भाई दून के लिए दून के बाजारों में गिफ्ट आइटम से लेकर पूजा सामग्री की खूब खरीदारी हो रही है। इस बार बहन-भाइयों में भाई दूज को लेकर खासा उत्साह नजर आ रहा है। तो चलिए आपको बताते हैं कि पर्व पर किस तरह पूजा करें...

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कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि भाई दूज अथवा यम द्वितीया का पर्व मनाया जाता है। दीपावली के दो दिन बाद रक्षाबंधन की तरह मनाये जाने वाले इस पर्व पर बहन भाई के माथे पर तिलक लगाती है और फिर उसकी सुख-समृद्धि की कामना करती है। भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है।

आचार्य डा. सुशांत राज के मुताबिक इस दिन बहनों को अपने भाइयों के सुखी जीवन के की कामना जरूरी करनी चाहिए। शुभ मुहूर्त पर भाई को तिलक लगाया जाएगा। इस दिन यमराज के नाम का चौमुखी दीपक जलाकर घर की दहलीज के बाहर रखना चाहिए।

जानिए क्या है शुभ मुहूर्त

पंडित विजेंद्र प्रसाद ममगाईं के अनुसार भैया दूज पर्व पर पूजा के शुभ मुहूर्त की कुल अवधि दो घंटे से ज्यादा की है। यानी शनिवार को दोपहर एक बजकर दस से लेकर तीन बजकर दो मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा, जिसमें बहनें भाई की पूजा कर सकती हैं। 

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इस तरह करें पूजा

भाई दूज के पावन दिन पर आसन पर चावल के घोल से चौक बनाएं। इसके बाद भाई को इस पर बिठा दें। बहन अपने हाथों पर एक पात्र लें, जिस पर चावल का घोल लगाएं। इसके बाद पात्र में सिंदूर, फूल, पान, सुपारी और मुद्रा रखकर धीरे-धीरे हाथों पर पानी छोड़ते हुए यह बोलें, गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें, फूले-फलें। अब बहन भाई के मस्तक पर तिलक लगाकर कलावा बांधें। भाई को मिठाई, मिश्री के साथ ही माखन खिलाएं।

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