पेट के लिए लाभकारी औषधि है हरड़
संवाद सहयोगी, विकासनगर: मल्टीपल एक्शन ग्रुप फॉर इंटीग्रेटेड रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी की ह ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, विकासनगर: मल्टीपल एक्शन ग्रुप फॉर इंटीग्रेटेड रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी की हर्बल गार्डन योजना के तहत राजकीय इंटर कॉलेज डोभरी में औषधीय पादप रोपण के साथ ही छात्र-छात्राओं हरड़ के औषधीय गुणों की जानकारी दी गई। सोसाइटी की प्रशिक्षक गंगा बिष्ट ने बताया कि हरड़ को आयुर्वेद में गुणकारी औषधि माना गया है। आयुर्वेद की चरक संहिता मे जिस प्रथम औषधि के बारे में बताया गया है वह हरड़, हर्रे या हरीतकी है। हरड़ की उपयोगिता के बारे मे शास्त्रों मे कहा गया है कि जिसके घर मे माता नहीं है, उसकी माता हरीतकी है। हरड़ पेट में जाने पर कोई अहित नहीं करती बल्कि हमेशा फायदा ही करती है।
हरीतकी संपूर्ण शरीर के लिए फायदेमंद है विशेष रूप से कब्ज, बवासीर, पेट के कीड़ों को दूर करने, नेत्र ज्योति व भूख बढ़ाने, पाचन तथा अलग-अलग मौसम में होने वाले रोगों में भी ये प्रभावी होती है। बवासीर और कब्ज के लिए हरड़ का चूर्ण उपयोगी होता है। हरड़ा चूर्ण को रात को गर्म पानी से लेने पर कब्ज, गैस, एसिडिटी और बवासीर में फायदा होता है। खाने के बाद छोटी हरड़ को खाने से भूख न लगना, गैस और कब्ज की समस्या दूर होती है। हरड़ के बने हुए औषध योग जैसे हरीतकी चूर्ण, त्रिफला चूर्ण, सोंधी हरड़, हरड़ का मुरब्बा आदि काफी फायदेमंद होते हैं। सोसाइटी के सदस्यों ने विद्यालय में हरड़, सतावर, नींबू, सर्पगंधा, आंवला, चंदल, एलोवरीरा आदि के पौधे रोपे। इस दौरान प्रधानाचार्य राकेश कुमार ¨सह, सुधीर कांति, सुनील पंवार, योगेश कुमार, हिमांशु आर्य, र¨वद्र कुमार आदि मौजूद रहे।

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