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जौनसार बावर में बुरे दौर से गुजर रहीं पटवारी चौकियां, पढ़िए पूरी खबर

जौनसार क्षेत्र में करोड़ों रुपये खर्च कर बनाई गई पटवारी चौकिंयां अपने बुरे दौर से गुजर रही हैं। अधिकांश चौकियों में पटवारी ही नहीं और जिनमें हैं वहां भी व्यवस्थाएं चरमराई हुई हैं।

By Edited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 10:27 PM (IST)Updated: Thu, 24 Oct 2019 12:11 PM (IST)
जौनसार बावर में बुरे दौर से गुजर रहीं पटवारी चौकियां, पढ़िए पूरी खबर
जौनसार बावर में बुरे दौर से गुजर रहीं पटवारी चौकियां, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। जौनसार क्षेत्र में करोड़ों रुपये खर्च कर बनाई गई पटवारी चौकिंयां अपने बुरे दौर से गुजर रही हैं। अधिकांश चौकियों में पटवारी ही नहीं और जिनमें हैं वहां भी व्यवस्थाएं चरमराई हुई हैं। स्थिति ये है कि लोगों महत्वपूर्ण दस्तावेज भी नहीं बन पा रहे हैं और कानून व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है। ऐसे में सिस्टम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी हैं।

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बता दें कि प्रदेश सरकार ने जौनसार बावर की राजस्व पुलिस व्यवस्था बेहतर बनाने को करोड़ों रुपये की लागत से 40 के करीब पटवारी चौकियां बनायी थी। चौकियां बनने के बाद भी अधिकांश में पटवारी बैठे नहीं, देखरेख के अभाव में चौकियां जर्जर होती चली गयी। कालसी ब्लाक की 15 चौकियों में से मात्र चार व चकराता ब्लॉक की सात में से मात्र एक चौकी में ही पटवारी बैठ रहे हैं।

बाकी चौकियां वीरान पड़ी हैं और जर्जर हालत में पहुंचती जा रही है। बरसात में कोई हादसा होने पर पटवारियों को तुरंत मौके पर पहुंचना पड़ता है, इसी को ध्यान में रखते हुए पटवारी क्षेत्रों में सरकार ने चौकियों का निर्माण कराया था। करोड़ों की लागत से सरकार ने कालसी ब्लाक में 17 पटवारी क्षेत्रों में 15 पटवारी चौकियों का निर्माण कराया था, जिसमें पजिटीलानी, कोटी, डिमऊ, कालसी, थैना, बसाया, समाल्टा, कोफ्टी मरलऊ, कनबुआ, साहिया, क्वासा, गांगरौ, लखवाड़, लुहारी, नागथात चौकियां शामिल है। 

डयूटीलानी क्षेत्र की लुहारी में बनी चौकी आधी अधूरी है, नागथात में एक मंजिल होने के कारण रहने लायक नहीं है। कालसी, कनबुआ, साहिया व गांगरौ में पटवारी रह रहे हैं, बाकी चौकियों में पटवारी के न रहने से भवन जर्जर हाल हो गया है। चकराता ब्लाक के 13 पटवारी क्षेत्र में सात चौकियों का निर्माण कराया गया था, जिसमें माक्टी्र कोरुवा, लाखामंडल, फेडूलानी, मानथात, क्वांसी, जाडी, क्वानू चौकियां शामिल हैं। मात्र लाखामंडल चौकी में पटवारी रूकते हैं। 

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जनप्रतिनिधि रणवीर सिंह चौहान, मोहन लाल शर्मा, सतपाल राय आदि का कहना है कि चौकियों पर सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च किए, लेकिन कई चौकियों में तो पटवारी बैठे ही नहीं, वर्षों से बंद पड़ी होने की वजह से कई चौकियां बदहाल हालत में पहुंच गयी हैं। सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करने का कोई फायदा नहीं हुआ। कालसी तहसीलदार शक्ति प्रसाद उनियाल के अनुसार जर्जर चौकियों का प्रस्ताव बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजा गया है। धनराशि अवमुक्त होते ही जर्जर चौकियों की मरम्मत करायी जाएगी।

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