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    RBI और सेबी से रजिस्टर्ड बताकर ठगी, निवेश का झांसा देकर बैंक के डिप्टी मैनेजर से ठगे 13 लाख रुपये

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 08:37 AM (IST)

    देहरादून में साइबर ठगों ने एक बैंक के डिप्टी मैनेजर को निवेश का लालच देकर 13 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन 10 महीने बाद मामला दर्ज हुआ। ठगों ने खुद को आरबीआई और सेबी से रजिस्टर्ड बताकर पीड़ित को झांसे में लिया और दिसंबर-जनवरी में 13 लाख रुपये निवेश करवाए। पुलिस की देरी से कार्रवाई के कारण पीड़ित को नुकसान हुआ।

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    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। निवेश का झांसा देकर साइबर ठगों ने बैंक के डिप्टी मैनेजर से 13 लाख रुपये की ठगी कर दी। साइबर थाने व पुलिस विभाग में शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब 10 माह बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस को दी तहरीर में सूर्यप्रकाश निवासी रायपुर ने बताया कि दिसंबर 2024 में अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें फोन कर निवेश का झांसा दिया।

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    खुद को आरबीआई व सेबी से रजिस्टर्ड बताते हुए पीड़ित को अपने झांसे में लिया

     


    साइबर ठगों ने उन्हें बताया कि वह उनकी धनराशि विभिन्न प्लेटफार्म में निवेश कराएंगे और जो मुनाफा होगा उसका हिस्सा वह रखेंगे। साथ ही उन्होंने खुद को सेबी व आरबीआ से रजिस्टर्ड बताया। ठगों की जाल में फंसकर सूर्यप्रकाश ने निवेश करना शुरू कर दिया। ठगों ने उनसे दिसंबर से जनवरी एक माह के अंदर 13 लाख रुपये निवेश करवा दिए, लेकिन न तो वह अपनी मूल राशि व ना ही मुनाफे की धनराशि निकाल पाए।

    पीड़ित ने जब रकम वापस करने को कहा तो साइबर ठग और धनराशि जमा करने को कहते रहे। ठगी का एहसास होने पर उन्होंने साइबर क्राइम हेल्पलाइन सहित एसएसपी कार्यालय व रायपुर थाने में तहरीर दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

    पुलिस की कार्रवाई पर उठाए सवाल


    शिकायतकर्ता ने बताया कि यदि पुलिस उसी समय कार्रवाई करती तो उनकी कुछ रकम बच सकती थी, क्योंकि उन्होंने अपने स्तर पर जिन खातों में रकम गई, उन्हें फ्रीज करवा दिया था। पुलिस ने कार्रवाई नहीं की ऐसे में पुलिस अधिक समय तक खाते को फ्री नहीं रख पाई और खोल दिया। इसके बाद साइबर ठगों ने तत्काल अपनी रकम निकाल ली।