देहरादून में बांग्लादेशी बाबा गिरफ्तार, नाम रुकन और हाथ में हिंदू देवता के फोटो; गूंगा बनकर छिपा था
सहसपुर पुलिस ने ऑपरेशन कालनेमि के तहत एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया। रुकन रकब नामक यह व्यक्ति एक साल पहले सीमा पार कर भारत आया था और बाबा के भेष में रह रहा था। पूछताछ में उसने बताया कि वह गूंगा बनकर छिप रहा था और भीख मांगकर गुजारा कर रहा था। उसके पास से कई अंगूठियां और कुछ नकदी बरामद हुई।

जागरण संवाददाता, विकासनगर। सहसपुर थाना क्षेत्र में आपरेशन कालनेमि के तहत पकड़ा गया बांग्लादेशी नागरिक एक साल पहले बार्डर को पार कर भारत आ गया था। एक साल तक वह कहां रहा, उसका भारत आने का क्या मकसद था, इस बारे में एलआईयू व इंस्टीजेंस ब्यूरों की टीमों ने बांग्लादेशी नागरिक से सघन पूछताछ की। जिसके बाद बांग्लादेशी नागरिक को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया।
बता दें कि एलआईयू दारोगा संतोष सिपाही शादाब अहमद के साथ छदम भेष धारियों के विरुद्ध प्रचलित ऑपरेशन कालनेमि के तहत घूम रहे थे। ब्लाक कार्यालय सहसपुर के पास पहुंचे तो थाने की पुलिस टीम भी आ गयी। संयुक्त रूप से संदिग्धों की तलाश शुरू की। ग्राम लक्ष्मीपुर चोरखाला के पास 25 वर्ष का युवक संदिग्ध दिखाई दिया। जो काले कपडे़ पहने, अर्द्ध नग्न अवस्था में बाबा के भेष में सड़क किनारे बैठा हुआ था।
कलाई में कुछ अंगूठियां, घड़ियां पहनी थी। हाथ में हिन्दू देवता की लॉकेट नुमा फोटो थी। पुलिस ने जब नाम पता पूछा तो वह बोला नहीं। पुलिस ने सोचा कि शायद गूंगा है। किसी से कुछ बातचीत नहीं करता, भीख मांग कर अपना जीवन यापन कर रहा है। संदिग्ध होने पर व्यक्ति से संयुक्त टीम द्वारा आवश्यक पूछताछ की गई, किन्तु युवक हिंदी भाषा बोलने व समझने में अनभिज्ञ था।
पुलिस ने जब सख्त लहजे में पूछा तो उसने धीमी आवाज में बंगाली भाषा से मिले जुले कुछ टूटे फूटे शब्द बोले। पूछने पर युवक पहचान संबंधी कोई दस्तावेज नहीं दिखा सका। युवक के पश्चिम बंगाल, रोहंगिया, बांग्लादेशी नागरिक होने की आशंका के चलते बंगाली भाषा जानने वाले दीप सेन को बुलाया गया। गहनता से पूछताछ करने पर युवक ने अपनी पहचान रुकन रकब उर्फ़ शाहआलम पुत्र आबूर उर्फ नईम अली उर्फ़ नायाब अली निवासी गांव व थाना सखीपुर जिला तंगइल बांग्लादेश के रूप में बताई।
पुलिस पूछताछ में बांग्लोदेशी नागरिक रुकन रकब ने बताया कि वह लगभग एक वर्ष पूर्व घर से नाराज होकर बांग्लादेश बॉर्डर की तरफ आ गया। वहां से रास्ता भटक कर भारत में प्रवेश किया। कुछ समय कलकत्ता अंतर्गत बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन के आस पास रहा।वहां भीख मांगने को कोलकाता बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन के इर्द गिर्द घूमता रहा। कलकत्ता पुलिस द्वारा रोक टोक के डर से गूंगा बन कर छिप कर रह रहा था। कुछ दिनों पहले ट्रेन से देहरादून आया था। किसी को शक न हो, इसलिए यहां भी गूंगा बनकर रह रहा था यहीं छिप कर बाबा का भेष बना कर रह रहा था।
बांग्लादेशी नागरिक ने दोनों हाथों में पहन रखी थी 17 अंगूठियां
विकासनगर: रुकन रकब की तलाशी में दोनों हाथों से 17 अंगूठियां मिली। पास से कलाई में पहनने जाने वाली पुरानी हालात की घड़ियां, मेले में बिकने वाली विभिन्न बाजारु पुरानी 42 अंगूठी, छल्ले, 13 नग पुरानी बाजारू धातु की चेन, एक गोल बड़ा लॉकेट, जिसे कमर पर बांधे था। जिसके एक तरफ श्री परशुराम जी लिखा व परशुराम जी का चित्र अंकित था, दूसरी तरफ मां रेणुका जी का चित्र अंकित था।
हाथ में एक छोटा सा लाकेट, जिस पर एक तरफ शिव का चित्र बना था, दूसरी तरफ महाकाल लिखा था। उसके पास से 200, 100, 50 रुपये के तीन नोट, रेजगारी समेत कुल 370 रुपये बरामद हुए। रुकन रकब ने बिना पासपोर्ट व वीजा के भारत में प्रवेश किया था। जिसके खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम व विदेशी अधिनियम में मामला दर्ज किया गया है। सहसपुर कोतवाल शंकर सिंह बिष्ट ने बताया कि जांच व पूछताछ के बाद बांग्लादेशी नागरिक को जेल भेज दिया है।
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