डिलीवरी के लिए हुए सिजेरियन में मां के पेट में छोड़ी पट्टी, नौ महीने बाद मौत
देहरादून के एक निजी अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी के बाद महिला के पेट में पट्टी छूट गई, जिससे उसकी मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। सीएमओ ने जांच के आदेश दिए हैं और अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

निजी अस्पताल के चिकित्सक पर लगाया आपरेशन के बाद पेट में गाज छोड़ने का आरोप. Concept Photo
जागरण संवाददाता, देहरादून। आराघर स्थित एक निजी अस्पताल के चिकित्सक पर प्रसव के बाद पेट में गाज छोड़ने का आरोप लगा है। महिला के पेट में दिक्कत होने पर उसका झाझरा स्थित निजी अस्पताल में आपरेशन कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। स्वजनों ने पेट में गाज छोड़ने वाले चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शव अस्पताल के बाहर रखकर खूब हंगामा किया। इस मामले में सीएमओ मनोज शर्मा ने जांच के लिए एक टीम गठित करते हुए जांच पूरी होने तक अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया है।
जानकारी के अनुसार लक्खीबाग निवासी महिला ज्योति प्रज्वल उम्र 26 वर्ष की सिजेरियन डिलीवरी जनवरी माह में आराघर स्थित मदर केयर अस्पताल में हुई थी। यहां ज्योति ने बेटे को जन्म दिया। इसके बाद चिकित्सकों ने उसे डिस्चार्ज कर दिया। कुछ दिन बाद से ज्योति के पेट में दर्द रहने लगा। स्वजन उसे उसी अस्पताल में लेकर गए, लेकिन टेस्ट के बाद भी चिकित्सक स्पष्ट कारण नहीं बता सके। हालत में सुधार न होने के कारण स्वजन उसे झाझरा स्थित एक निजी अस्पताल लेकर गए, जहां सीटी स्कैन करने पर पता चला कि उसके पेट में सिजेरियर आपरेशन के दौरान गाज छूट गया है। इससे महिला के पेट में गंभीर इंफेक्शन फैल गया। इलाज के दौरान ज्योति की मौत हो गई।
स्वजनों का आरोप है कि यह अस्पताल की घोर लापरवाही है। समय पर सही जांच और इलाज किया जाता तो उसकी जान बच जाती। महिला की मौत से गुस्साए स्वजन शव लेकर अस्पताल पहुंचे और अस्पताल के बाहर शव रखकर खूब हंगामा किया। सूना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें शांत कराया। इस मामले में सीएमओ मनोज शर्मा ने तत्काल जांच कमेटी बनाते हुए तत्काल रिपोर्ट सौंपने के आदेश जारी किए हैं। वहीं रिपोर्ट आने तक अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया है।
दूसरी ओर डालनवाला कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक मनोज मैनवाल ने बताया कि स्वजनों से इलाज संबंधी दस्तावेज मंगवाए गए हैं। यह सीएमओ को भेजे जाएंगे। यदि अस्पताल की लापरवाही पाई जाती है तो उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
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