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    भारत-नेपाल सीमा पर बेचारा पुल क्या करे...मंत्री को भी सुननी पड़ी ‘ना’, लगातार कंपन से हो सकता हादसा

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 03:02 PM (IST)

    बनबसा बैराज जो भारत-नेपाल सीमा पर स्थित है अब सात घंटे से ज़्यादा यातायात का भार नहीं सह सकता। नेपाल की मांग पर यातायात संचालन के घंटे बढ़ाने के निर्देश दिए गए लेकिन बैराज संचालकों ने सुरक्षा कारणों से असमर्थता जताई। कैबिनेट मंत्री ने बनबसा में नया पुल बनाने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं ताकि व्यापारिक गतिविधियों में सुविधा हो।

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    भारत-नेपाल सीमा पर बनबसा बैराज सात घंटे से अधिक यातायात का भार उठाने में असमर्थ. File Photo

    अश्वनी त्रिपाठी, जागरण  देहरादून। चंपावत में शारदा नदी पर बना बनबसा बैराज। भारत-नेपाल सीमा पर ब्रिटिश काल में बना यह बैराज पिछले 100 वर्षों से भारत-नेपाल के रिश्तों की कड़ी बना हुआ है। उम्रदराज हो चुके बैराज से अभी भी दोनों देशों को बड़ी उम्मीदें हैं। अब बैराज सात घंटे से अधिक यातायात का भार उठाने में सामर्थ्यवान नहीं है।

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    नेपाल के दखल पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने यातायात संचालन के घंटे बढ़ाने के निर्देश दिए तो बैराज संचालकों ने क्षमा मांग ली। उन्होंने कहा, बैराज को लगातार कंपन देना हादसे को आमंत्रण देना है। सुरक्षा के चलते बैराज पर सात घंटे से अधिक यातायात का संचालन नहीं कर सकते। बनबसा बैराज पुल सैकड़ों वर्षों से चंपावत व महेंद्रनगर के बीच आवागमन का एक मात्र साधन है।

    दोनों देशों के लोगों के बीच रोटी-बेटी के संबंध हैं, तो खेत से लेकर व्यापारिक कार्यों के लिए भी यही पुल एक मात्र साधन है। छह लाख क्यूसेक क्षमता वाले बैराज पर बना तीन मीटर चौड़ा पुल पूरे दिन में सात घंटे खोला जाता है। एक बार में पुल दो घंटे के लिए खुलता है, इसके बाद फिर दो घंटे पुल बंद रखा जाता है। पुल पर दस टन से अधिक भार नहीं ले जा सकते। इसलिए बस या अन्य सवारी वाहनों को पुल से पहले खाली करा लिया जाता है। इसके बाद ही वाहन को पुल से गुजारा जाता है।

    उप्र सिंचाई विभाग बैराज का संचालन करता है। नेपाली बाशिंदों की मांग पर पुल को सात घंटे से अधिक खोलने का मुद्दा कैबिनेट मंत्री की बैठक में उठा तो सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने कहा, अब तो यह सात घंटे खुल रहा है। वर्ष 2014 से पूर्व यह सिर्फ चार घंटे खुलता था। कहा, पुल पर संचालन के घंटे बढ़ाने से नुकसान हो सकता है। पुल में पहले ही दरारें आ चुकी है। इसे मरम्मत कराकर ठीक कराया गया था। सिंचाई विभाग के जवाब को सुनने के बाद कैबिनेट मंत्री ने बनबसा में नया पुल बनाने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।

    ट्रकों की कस्टम चेकिंग भी होगी, घुमाव में आएगी समस्या

    पिथौरागढ़ के छारछुम में 110 मीटर लंबा मोटर पुल लगभग तैयार है। यह पुल खासकर व्यापारिक कार्यों के लिहाज से बेहद अहम होगा। इस पुल के दोनों तरफ डार्क पोर्ट बनेंगे, जिसके चलते बड़े भार वाहनों-ट्रकों का इस पुल से गुजरना होगा।

    कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि भारत की दिशा में पुल के एंट्री प्वाइंट पर अपेक्षाकृत स्थान कम है, इससे ट्रकों आदि को मुड़ने में समस्या होगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश कहा कि सर्कुलर ट्रैफिक या एलिवेटेड मार्ग बनाएं। पुल के दोनों तरफ कस्टम के कार्यालय बनेंगे। यहां पर वाहनों की चेकिंग और घुमाव होगा। इसलिए भरपूर जगह होना जरूरी है।

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