Move to Jagran APP

Badrinath Yatra: बदरीनाथ धाम में 16 नवंबर से शुरू होंगी पंच पूजाएं, 20 नवंबर को बंद होने हैं कपाट

Badrinath Yatra 2021 कपाटबंदी से पूर्व होने वाली पंच पूजाएं 16 नवंबर से शुरू होंगी। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। चमोली जिले में समुद्रतल से 10276 फीट की ऊंचाई पर स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट 20 नवंबर को वृष लग्न में शाम 645 बजे बंद किए जाएंगे।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 14 Nov 2021 11:13 AM (IST)Updated: Sun, 14 Nov 2021 11:13 AM (IST)
Badrinath Yatra: बदरीनाथ धाम में 16 नवंबर से शुरू होंगी पंच पूजाएं, 20 नवंबर को बंद होने हैं कपाट
बदरीनाथ धाम में 16 नवंबर से शुरू होंगी पंच पूजाएं।

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर(चमोली)। Badrinath Yatra 2021 बदरीनाथ धाम में कपाटबंदी से पूर्व होने वाली पंच पूजाएं 16 नवंबर से शुरू होंगी। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। चमोली जिले में समुद्रतल से 10276 फीट की ऊंचाई पर स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट 20 नवंबर को वृष लग्न में शाम 6:45 बजे बंद किए जाएंगे।

loksabha election banner

बदरीनाथ धाम में होने वाली पंच पूजाओं के क्रम में सबसे पहले 16 नवंबर को गणेश पूजा के साथ गणेश मंदिर के कपाट बंद होंगे। 17 नवंबर को आदिकेदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे। 18 नवंबर को खडग पुस्तक और वेद ऋचाओं का वाचन बंद होगा। 19 नवंबर को भगवान नारायण के साथ गर्भगृह में विराजमान होने के लिए मां लक्ष्मी का आह्वान किया जाएगा, जबकि पांचवें दिन 20 नवंबर को मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे।

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अपर मुख्य अधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि इससे पहले संजय मेहता, यमुना प्रसाद, कल्याण सिंह भंडारी व मुरली सिंह पंवार को पगड़ी भेंट की जाएगी। ये प्रतिनिधि अगले यात्रा वर्ष में भगवान नारायण के भंडार आदि की जिम्मेदारी संभालेंगे। भगवान नारायण के खजाने के साथ गरुड़ महाराज की विग्रह प्रतिमा बदरीनाथ धाम से जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर लाई जाएगी। बदरीनाथ धाम के साथ ही तपोवन (जोशीमठ) के पास सुभाईं गांव स्थित भविष्य बदरी धाम और देश के अंतिम गांव माणा के पास माता मूर्ति मंदिर व माणा में घंटाकर्ण मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाएंगे।

बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के दूसरे दिन 21 नवंबर को सुबह भगवान नारायण के बालसखा उद्धवजी, देवताओं के खजांची कुबेरजी व आदि शंकराचार्य की गद्दी डोली रात्रि प्रवास के लिए पांडुकेश्वर स्थित योग-ध्यान बदरी मंदिर पहुंचेंगी। इसी के साथ कुबेरजी अपने मंदिर और उद्धवजी योग-ध्यान बदरी मंदिर में विराजमान हो जाएंगे, जबकि आदि शंकराचार्य की गद्दी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी की अगुआई में 22 नवंबर को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी।

1.74 लाख यात्री कर चुके दर्शन

बदरीनाथ धाम में शनिवार को 2363 यात्रियों ने भगवान बदरी नारायण के दर्शन किए। कपाट खुलने के बाद से अब तक धाम में एक लाख 73 हजार 858 यात्री दर्शन कर चुके हैं। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि इन दिनों मौसम का मिजाज खुशगवार होने के कारण यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

यह भी पढ़ें- Chardham Yatra 2021: विधि-विधान के साथ बंद हुए केदारनाथ धाम के कपाट, बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालु


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.