उत्तराखंड में आयुष्मान योजना में धोखाधड़ी, अस्पताल से 35 हजार रुपए की ठगी
उत्तराखंड में आयुष्मान योजना के नाम पर एक अस्पताल से 35 हजार रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। एक धोखेबाज ने लंबित चिकित्सा दावा भुगतान कराने का लालच देकर यह ठगी की। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और एफआइआर की मांग की है। प्राधिकरण ने आंतरिक जानकारी लीक होने की आशंका जताई है और मामले की गहन जांच की मांग की है।

जासं, देहरादून। आयुष्मान भारत योजना के तहत लंबित चिकित्सा दावा भुगतान कराने का झांसा देकर एक शातिर ने अस्पताल से 35 हजार रुपये हड़प लिए। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इस मामले में राजपुर थाने में तहरीर दी है।
प्राधिकरण में अपर निदेशक (प्रशासन) निखिल त्यागी की ओर से दी गई शिकायत के अनुसार सितारगंज स्थित ए.के.आई. हॉस्पिटल को एक युवक रोहित यादव (मोबाइल नंबर 8090370237) ने फोन किया। उसने दावा किया कि वह उनके लंबित चिकित्सा दावे का शीघ्र भुगतान करवा देगा। इसके बदले उसने अस्पताल से दस प्रतिशत कमीशन की मांग की।
युवक ने अस्पताल प्रतिनिधि को प्राधिकरण कार्यालय बुलाया, लेकिन प्रतिनिधि न पहुंच पाने पर आरोपी ने एक क्यूआर कोड भेजा और उसमें रकम ट्रांसफर करने का दबाव बनाया। झांसे में आकर अस्पताल ने आरोपी द्वारा बताए गए दुर्गेश गुप्ता के खाते में 35 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए।
बाद में अस्पताल ने पूरे मामले की शिकायत राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को ईमेल के जरिए भेजी। इसमें रकम ट्रांसफर का स्क्रीनशॉट और आरोपी की बातचीत की ऑडियो क्लिप भी संलग्न की गई। शिकायत के बाद आरोपी का मोबाइल नंबर बंद मिला।
प्राधिकरण ने माना है कि यह गंभीर ठगी और भ्रष्ट आचरण का मामला है। आशंका जताई जा रही है कि प्राधिकरण के किसी कर्मचारी ने ही आंतरिक जानकारी लीक की हो, जिससे आरोपी को लंबित दावों की जानकारी मिल सकी।
अपर निदेशक निखिल त्यागी ने कहा कि यह कृत्य न केवल आपराधिक है बल्कि प्राधिकरण की साख पर भी चोट है। आरोपी और उसके सहयोगियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धाराओं में कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने पुलिस से पूरे मामले की गहन जांच कर दोषियों को पकड़ने और सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

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