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    उत्‍तराखंड में आयुष्मान योजना में बड़े घपले की आशंका! सत्यापन अभियान ने पकड़ा जोर, हो सकता है बड़ा खुलासा

    Updated: Sat, 05 Jul 2025 09:01 PM (IST)

    देहरादून में राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड में फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिलाधिकारी की सख्ती के बाद भी केवल 20% राशन कार्डों का सत्यापन हो पाया है। आशंका है कि राशन कार्ड का फर्जीवाड़ा आयुष्मान योजना का लाभ उठाने के लिए किया गया है। फर्जी आयुष्मान कार्डों से इलाज कराने वालों की भी जांच की जाएगी।

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    अभी 20 प्रतिशत राशन कार्डों का ही सत्यापन, बड़े घपले की आशंका। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    जागरण संवाददाता, देहरादून। फर्जी राशन कार्डों का सफर फर्जी आयुष्मान कार्डों तक जा पहुंचा। या यूं कहें कि राशन कार्ड का फर्जीवाड़ा ही इसलिए किया गया कि आयुष्मान योजना का लाभ उठाया जा सके। ऐसे में जिले के सभी राशन कार्डों का जल्द से जल्द सत्यापन पूरा किया जाना आवश्यक है। हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि वर्तमान में सत्यापन की कार्रवाई सिर्फ 20 प्रतिशत के करीब ही पहुंच सकी है।

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    जिले में कुल तीन लाख 87 हजार 954 राशन कार्ड हैं। इनमें से सत्यापन की बात की जाए तो अभी तक यह आंकड़ा 75 हजार 576 तक पहुंच सका है। यह भी तब संभव हो पाया, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के क्रम में जिलाधिकारी सविन बंसल ने सख्ती दिखाई।

    इस सत्यापन में से 3,323 राशन कार्ड भले ही निरस्त किए जा चुके हैं, लेकिन सत्यापन के आगे बढ़ते रहने के साथ और भी बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है।

    दूसरी तरफ बिना प्रयोग के निष्क्रिय माने गए राशन कार्डों की संख्या एक लाख 36 हजार 676 है। कुल मिलाकर निष्क्रिय और फर्जी पाए गए कार्डों के जरिये 13 हजार से अधिक आयुष्मान कार्ड बना लिए गए और उनमें से अभी तक 9,428 कार्ड निरस्त किए गए हैं। सत्यापन और उसके क्रम में सामने आने वाले फर्जीवाड़े में यह आंकड़ा अभी और ऊपर जा सकता है।

    राशन कार्ड बनाने से पहले माली हालत की होगी जांच

    देहरादून : अब आयुष्मान योजना में शामिल होने के लिए राशन कार्ड बनवाना आसान नहीं होगा। राशन कार्ड आवेदन के बाद पूर्ति निरीक्षक की टीम घर जाकर माली हालत की जांच करेगी। जिससे कोई भी व्यक्ति गलत तरीके से सरकारी योजना का लाभ न ले सके। अभी तक पूर्ति विभाग में दस्तावेजों की कमी पूरी कर राशन कार्ड आसानी से बन जाते थे। डीएसओ केके अग्रवाल ने बताया राशन कार्ड बनाने से पहले पूर्ति निरीक्षक आवेदनकर्ता की माली हालत की जांच करेंगे। पात्रता के दायरे में न आने पर राशन कार्ड जारी नहीं किया जाएगा।

    फर्जी आयुष्मान कार्डों से कितनों ने कराया इलाज, होगी जांच

    देहरादून: आयुष्मान कार्डों का फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के साथ ही उन्हें तत्काल प्रभाव से निरस्त भी किया जा रहा है। पुलिस ने भी मुकदमा दर्ज कर लिया है और देरसबेर फर्जीवाड़े में संलिप्त व्यक्तियों की गर्दन भी नापी जाएगी। हालांकि, यह सवाल अभी अपनी जगह कायम है कि जो फर्जी कार्ड बनाए गए, उनसे कितने लोगों ने लाभ लिया।

    स्वयं राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण भी इस सवाल का जवाब जानने में जुट गया है। प्राधिकरण के अपर निदेशक आइटी अमित शर्मा के अनुसार, फर्जी आयुष्मान कार्डों के माध्यम से कराए गए इलाज और उस पर सरकार के खर्च का पूरा ब्योरा जुटाया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक आयुष्मान कार्ड की जांच की जाएगी।

    फर्जी आयुष्मान कार्डों से लिए गए इलाज के आधार पर किसी निर्देशित पैटर्न का परीक्षण भी किया जाएगा। हो सकता है कि किसी विशिष्ट गिरोह ने यह सब किया हो। ऐसे में उपचार देने वाले चिकित्सा प्रतिष्ठानों पर भी तस्वीर साफ हो सकती है। जल्द ही सच सामने होगा।

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