Ayushman Card: साइट पर अपलोड नहीं डेटा, कैसे बनेगा आयुष्मान कार्ड
साइट पर राशन कार्ड का डेटा अपलोड न होने से उपभोक्ता आयुष्मान कार्ड नहीं बना पा रहे हैं। जिसका विरोध पूर्ति कार्यालय को झेलना पड़ रहा है। सरकार की ओर से एक समय आयुष्मान के लिए राशन कार्ड की अनिवार्यता समाप्त की गई थी। लेकिन दोबारा से राशन कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है। जिसकी वजह से आयुष्मान कार्ड नहीं बन पा रहा है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। आयुष्मान योजना की साइट पर राशन कार्ड का डेटा अपलोड न होने से उपभोक्ता मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। पिछले चार माह से राशन कार्ड का डेटा साइट पर अपलोड ही नहीं किया गया है।
जिस वजह से जिले के करीबन दो हजार राशन कार्ड धारक आयुष्मान योजना से वंचित हैं। सितंबर से अब तक जिला पूर्ति विभाग विभिन्न योजनाओं के करीबन दो हजार राशन कार्ड बना चुका है। इसके अलावा राशन कार्ड में इस अवधि के भीतर यूनिट भी दर्ज की गई है।
लेकिन साइट पर राशन कार्ड का डेटा अपलोड न होने से उपभोक्ता आयुष्मान कार्ड नहीं बना पा रहे हैं। जिसका विरोध पूर्ति कार्यालय को झेलना पड़ रहा है। सरकार की ओर से एक समय आयुष्मान के लिए राशन कार्ड की अनिवार्यता समाप्त की गई थी। लेकिन दोबारा से राशन कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है।
पटेलनगर स्थित कामन सर्विस सेंटर के संचालक मयंक गर्ग ने बताया कि पूर्व में आधार कार्ड से आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे थे। लेकिन अब आधार कार्ड के साथ ही राशन कार्ड का होना भी अनिवार्य कर दिया है।
आयुष्मान के आनलाइन फार्म में राशन कार्ड के नंबर का विकल्प दिया गया है। प्रेमनगर निवासी गीता देवी ने बताया कि स्वास्थ्य सुविधा के लाभ के लिए आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए सीएससी सेंटर गए। लेकिन आनलाइन फार्म में राशन कार्ड के विकल्प में नंबर दर्ज करने पर अपडेट नहीं हुआ।
जिसकी वजह से आयुष्मान कार्ड नहीं बन पा रहा है। रायपुर निवासी विनोद सिंह ने बताया कि राशन कार्ड अपडेट न होने से आयुष्मान कार्ड बनाने में परेशानी हो रही है।
पहले आधार कार्ड से आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे थे। लेकिन अब राशन कार्ड अनिवार्य कर दिया है। उधर, डीएसओ केके अग्रवाल ने बताया कि राशन कार्ड बनते ही विभाग की साइट पर कार्ड को आनलाइन किया जाता है।
लेकिन सितंबर से आयुष्मान से संबंधित कर्मचारियों की ओर से राशन कार्ड का डेटा आयुष्मान की साइट पर अपलोड नहीं किया गया है। जिस कारण उपभोक्ता पूर्ति कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।
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