स्वतंत्रता के सारथी: कैंसर से बेटा खोया, उम्मीद नहीं… अब बचा रहे दूसरों की जिंदगी
देहरादून के मिश्रा दंपती ने बेटे को कैंसर से खोने के बाद आयुष फाउंडेशन की शुरुआत की। यह फाउंडेशन निर्धन महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए मुफ्त वैक्सीन देता है और गरीब बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाता है। संजीव कुमार मिश्रा अपनी पेंशन से इस अभियान का खर्च उठाते हैं और अब अन्य लोग भी इसमें सहयोग कर रहे हैं।

विजय जोशी, जागरण देहरादून। जिंदगी ने सबसे बड़ा दर्द दिया, पर उन्होंने हार मानने के बजाय किसी और की जिंदगी में उम्मीद जगाने का रास्ता चुना। बेटे को कैंसर से खोने के बाद भी देहरादून के संजीव कुमार मिश्रा और उनकी पत्नी ने अपने आंसुओं को हिम्मत में बदला और ‘आयुष फाउंडेशन’ के जरिए न केवल कैंसर से लड़ाई शुरू की, बल्कि शिक्षा के जरिए कई बच्चों का भविष्य भी संवार रहे हैं।
देहरादून के संजीव कुमार मिश्रा और उनकी पत्नी के लिए उनका 23 वर्षीय बेटा आयुष सबकुछ था। पढ़ा-लिखा, होनहार और सपनों से भरा। वह अपने करियर की तैयारी कर रहा था और मां-बाप को उसके उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद थी। लेकिन, अचानक पड़ी किस्मत की मार ने उनकी जिंदगी की दिशा बदल दी। आयुष को फेफड़े के करीब कैंसर हो गया।
समय पर पहचान के बावजूद, वह बच नहीं सका। यह सदमा किसी को भी तोड़ सकता था, लेकिन मिश्रा दंपती ने अपने दर्द को दूसरों की मदद में बदल दिया। उन्होंने बेटे की स्मृति में ‘आयुष फाउंडेशन’ की स्थापना की। संजीव कुमार मिश्रा कहते हैं कि वह बेटे को तो नहीं बचा पाए, लेकिन अगर किसी और की जिंदगी बच सके, तो यही उसके लिए सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी।
निश्शुल्क वैक्सीन से कैंसर को चुनौती
महिलाओं में होने वाले सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए लगने वाली महंगी वैक्सीन (1600 से 2200 रुपये प्रति डोज) अब देहरादून में कई बालिकाओं और महिलाओं को निश्शुल्क मिल रही है। आयुष फाउंडेशन अब तक 150 से अधिक बालिकाओं और 35 वर्ष तक की महिलाओं को यह वैक्सीन उपलब्ध करा चुका है। इसके लिए बालिका आश्रम और अन्य स्थानों पर नियमित कैंप लगाए जाते हैं।
खुद उठाते हैं खर्च
संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) हरिद्वार से सेवानिवृत्त अधिकारी संजीव कुमार मिश्रा इस पूरे अभियान का खर्च खुद उठाते हैं। अब कुछ सामाजिक कार्यकर्ता भी उनकी मुहिम से जुड़ने लगे हैं।
मिश्रा दंपती का लक्ष्य है कि इस सेवा को और बड़े स्तर पर फैलाया जाए। उनका कहना है कि यदि समाज सेवा के इच्छुक कोई भी व्यक्ति फाउंडेशन से जुड़ना चाहता है और सहयोग करना चाहता है तो वह अधिक व्यापक स्तर पर सेवा शिविर आयोजित करेंगे।
शिक्षा के जरिए संवार रहे भविष्य
फाउंडेशन केवल स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है। यह छह निर्धन बच्चों की शिक्षा की पूरी जिम्मेदारी उठा रहा है।
पहाड़ और दूरदराज के इलाकों के इन बच्चों को देहरादून के प्रतिष्ठित स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है। उनकी फीस, किताबें, यूनिफॉर्म और अन्य जरूरतें फाउंडेशन पूरी करता है।
जीवन में चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, हमें अपने दुख को किसी के चेहरे की मुस्कान बनाने में बदल देना चाहिए। किसी की लाचारी या बेबसी उसकी जीवनलीला को समाप्त न कर सके। सभी को अपनी क्षमता के अनुरूप दूसरों का सहयाेग करते रहना चाहिए। - संजीव कुमार मिश्रा, संस्थापक, आयुष फाउंडेशन
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