Avalanche in Kedarnath : केदारनाथ की ऊंची चोटियों पर आया एवलांच, वीडियो में देखें प्रकृति का प्रचंड रूप
Avalanche in Kedarnath एवलांच की घटना से धाम में मौजूद श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया। वहीं जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि यह काफी छोटा एवलांच था। जो केदारनाथ से चार किलोमीटर दूर चोराबाड़ी के पास आया था।
टीम जागरण, रुद्रप्रयाग: Avalanche in Kedarnath : केदारनाथ की ऊंची चोटियों पर एवलांच की घटना सामने आई है। जिससे धाम में मौजूद श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया। वहां मौजूद श्रद्धालुओं ने इसकी वीडियो भी बनाई।
केदारनाथ की ऊंची चोटियों पर एवलांच की घटना सामने आई है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन एस रजवार ने बताया कि यह काफी छोटा एवलांच था। जो केदारनाथ से चार किलोमीटर दूर चोराबाड़ी के पास आया था। किसी नुकसान की कोई सूचना नहीं है। वीडियो में देखें:
# Avalanche In Kedarnath
# Avalanche pic.twitter.com/vkJRjr6ANZ— Neha Bohra (@neha_suyal) September 23, 2022
वहीं जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन एस रजवार ने बताया कि यह काफी छोटा एवलांच था। जो केदारनाथ से चार किलोमीटर दूर चोराबाड़ी के पास आया था। किसी नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
2013 में आई थी केदारनाथ में आपदा
बता दें कि 2013 की आपदा में चोराबाड़ी झील के टूटने से मंदाकिनी नदी में बाढ़ आ गई थी, जिससे कई श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। मौसम विज्ञान केंद्र ने कुमाऊं में भारी वर्षा को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
स्कूल छत का हिस्सा टूटा, बाल-बाल बचे बच्चे
वहीं उत्तरकाशी के नौगांव में बीते सप्ताह चम्पावत जिले में शौचालय की छत गिरने से एक छात्र की मौत और तीन के घायल होने की घटना के बाद भी शिक्षा विभाग नहीं चेता है।
उत्तरकाशी के नौगांव ब्लाक के जूनियर हाईस्कूल कंडाऊ की छत का सीमेंट गिरने से बड़ा हादसा टल गया। गनीमत रही कि जिस समय यह घटना हुई, उस समय बच्चे प्रार्थना सभा में थे। छत का हिस्सा टूटने की आवाज सुनकर शिक्षक और छात्र भयभीत हो गए।
विभाग की ओर से मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई
विकासखंड नौगांव के जूनियर कंडाऊ का भवन वर्ष 2009 व 2010 में नौ लाख रुपये की लागत से बना। तीन कमरों के इस भवन की गुणवत्ता सही न होने के कारण भवन कुछ ही वर्ष में जर्जर हो गया। ग्राम प्रधान सीमा सेमवाल ने 2019 में विद्यालय की जीर्णशीर्ण स्थिति का मुद्दा बीडीसी बैठक में उठाया।
परंतु अभी तक विभाग की ओर से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। गुरुवार को जब स्कूल भवन के छत का हिस्सा टूटा तो शिक्षा विभाग से लेकर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। ग्राम प्रधान सीमा सेमवाल ने बताया कि गुरुवार को तो किसी तरह बच्चों की जान बच गई।
हालांकि बच्चों के सामने अब स्कूल भवन का संकट खड़ा हो गया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने शिक्षा अधिकारी को पत्र लिख विद्यालय की जीर्णशीर्ण हालत को देखते हुए शीघ्र आवश्यक कार्यवाही की मांग की है।