Atal Bihari Vajpayee: जब स्कूटर पर चलते थे अटल बिहारी वाजपेयी, जानिए मसूरी से जुड़े उनके कुछ रोचक किस्से
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी एक सरल व्यक्ति थे। एक दौर ऐसा था जब वे अपने सामान का छोटा सा ब्रीफकेस भी खुद उठाकर चलते थे और ट्रेन से उनका आना जाना होता था। उनके ब्रीफकेस में सिर्फ एक धोती-कुर्ता अंतर्वस्त्र एक रुमाल और टूथब्रश होता था।

जागरण संवाददाता, देहरादून। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक सरल व्यक्ति थे। एक दौर ऐसा था, जब वे अपने सामान का छोटा सा ब्रीफकेस भी खुद उठाकर चलते थे और ट्रेन से उनका आना जाना होता था। उनके ब्रीफकेस में सिर्फ एक धोती-कुर्ता, अंतर्वस्त्र, एक रुमाल और टूथब्रश होता था। पूर्व पीएम की जिंदगी इतनी सादगी से बीतती थी कि एक वक्त वो दून की सड़कों पर 1975 माडल के स्कूटर पर सैर किया करते थे...तो चलिए पूर्व पीएम अटल बिहरी वाजपेयी के बारे में कुछ और बातें जानते हैं...
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तराखंड से खासा लगाव रहा है। उत्तराखंड राज्य निर्माण में भी उनकी सबसे निर्णायक भूमिका रही है। अलग राज्य निर्माण को लेकर लंबा आंदोलन चला। साल 1996 में अपने देहरादून दौरे के दौरान उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों की मांग पर विचार करने का आस्वासन दिया था। वाजपेयी ने इस भरोसे को कायम भी रखा और नए राज्य की स्थापना वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के दौरान ही हुई। उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में उत्तराखंड को विशेष औद्योगिक पैकेज और विशेष राज्य के दर्जे से भी नवाजा था।
पहाड़ों की रानी मसूरी खूब भाती थी
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को पहाड़ों की रानी मसूरी बेहद भाती थी। उन्हें जब भी मौका मिलता था। वे मसूरी का रुख कर लेते हैं। यहां पहाड़ी की शांत वादियों में आत्ममंथन में समय गुजारते। देहरादून में उनके गहरे पारिवारिक मित्र नरेंद्र स्वरूप मित्तल रहते थे और जब भी वाजपेयी देहरादून आते, उनके पास खासा वक्त गुजारते। स्व. नरेंद्र स्वरूप मित्तल के पुत्र पुनीत मित्तल ने एक बार बातचीत में वाजपेयी के साथ बिताए दिनों को याद कर बताया था कि वे बचपन से ही अटल जी को घर आते हुए देखा। अटल जी जब भी देहरादून आते थे, उन्हीं के घर रुकते थे।
मैंगो शेक और मूंग दाल के थे शौकीन
पुनीत मित्तल ने ये भी बताया था कि अटल जी को मैंगो-शेक और मूंग की दाल बेहद पसंद थी। हंसमुख स्वभाव के थे और नियमित रूप से सभी अखबार पढ़ते थे। जब भी वे दून आते थे, उस समय नरेंद्र स्वरूप उनके लिए 15-16 अखबार रोजाना मंगाया करते थे। दून के बाद वे मसूरी जाया करते थे और हफ्ते-दो हफ्ते रहकर वापस दिल्ली लौट जाते थे।
स्कूटर पर ही निकल जाया करते थे मसूरी
12 फरवरी 1993 में पुनीत मित्तल की शादी हुई थी। इसके लिए भी वाजपेयी दून पहुंचे थे। पुनीत ने बताया था कि उनके स्मरण में कम से कम 50 बार अटल जी उनके घर आए होंगे। प्रधानमंत्री बनने के बाद जब वे यहां परिवर्तन रैली में आए थे, उस दौरान अटल जी ने पूरे मित्तल परिवार के साथ नाश्ता किया था। इतना ही नहीं वाजपेयी उनके पिता के साथ स्कूटर पर ही मसूरी चले जाया करते थे।
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