Move to Jagran APP

अटल आयुष्मान में मरीजों के साथ अस्पतालों का भी लाभ, जानिए

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना मरीजों के साथ ही निजी अस्पतालों के सामने अभी तक देखी गई इलाज के भुगतान की समस्या को भी दूर करेगी।

By Edited By: Published: Sat, 05 Jan 2019 10:15 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jan 2019 04:03 PM (IST)
अटल आयुष्मान में मरीजों के साथ अस्पतालों का भी लाभ, जानिए
अटल आयुष्मान में मरीजों के साथ अस्पतालों का भी लाभ, जानिए

देहरादून, राज्य ब्यूरो। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना न केवल मरीजों को राहत देगी बल्कि निजी अस्पतालों के सामने अभी तक देखी गई इलाज के भुगतान की समस्या को भी दूर करेगी। इस योजना दायरे में मरीजों की पुरानी बीमारियों का भी कैशलेस इलाज किया जा सकेगा। निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियां पुरानी बीमारियों के इलाज का खर्च नहीं देती हैं। इसके अलावा पुराने अनुभवों को ध्यान में रखते हुए इस बार निजी अस्पतालों द्वारा किए गए इलाज के भुगतान पर विशेष ध्यान दिया गया है। 15 दिन के भीतर भुगतान न होने की स्थिति में एक प्रतिशत ब्याज दर से भुगतान किया जाएगा और इसकी वसूली भुगतान में देरी का कारण बनने वाले अधिकारी-कर्मचारी से की जाएगी।

loksabha election banner

उत्तराखंड सरकार ने केंद्र की आयुष्मान भारत की योजना का दायरा बढ़ाते हुए अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना लागू की है। इस योजना के तहत प्रदेश के सभी 23 लाख परिवारों को पांच लाख परिवारों को सुरक्षा कवच देने की तैयारी है। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों व पेंशनर्स के लिए भी 26 जनवरी से प्रतिमाह भुगतान के आधार पर यह योजना लागू की जा रही है। 25 दिसंबर को प्रदेश के सभी परिवारों के लिए लागू की गई इस योजना में मरीजों को खासी राहत दी गई है।

सबसे अहम यह कि इसमें पुरानी बीमारियों के इलाज की भी सुविधा है। सरकारी व चिह्नित निजी अस्पतालों में बीमारियों के 1350 तरह के पैकेज के अंतर्गत इलाज किया जाएगा। दरअसल, निजी बीमा कंपनियां जो इंश्योरेंस देती हैं उसमें अमूमन पुरानी बीमारियों के इलाज का खर्च नहीं दिया जाता है। इसके अलावा इस योजना के सुचारू संचालन के लिए सरकार ने अटल आयुष्मान उत्तराखंड का गठन किया गया है। ट्रस्ट ने अस्पतालों का भुगतान करने के लिए इंप्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी (आइएसए) का गठन किया है।
इसमें विशेषज्ञ व तकनीकी अधिकारियों व कर्मचारियों को शामिल किया गया है। विशेष यह कि सरकार इस योजना में निजी अस्पतालों के साथ ही सरकारी अस्पतालों को भी इलाज का भुगतान करेगी। निजी अस्पतालों को भुगतान आइएसए के जरिये किया जाएगा। समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए इसमें मय ब्याज भुगतान का प्रावधान भी किया गया है। 15 दिन के भुगतान न होने की स्थिति में अस्पतालों को एक प्रतिशत ब्याज दर से भुगतान होगा। एक माह तक भुगतान न होने पर दो प्रतिशत ब्याज लगेगी।
इसी तरह पूरे साल भुगतान न होने पर 24 प्रतिशत की दर से भुगतान का प्रावधान किया गया है। इस ब्याज को भुगतान में देरी करने वाले अधिकारी व कर्मचारी से वसूलने का प्रावधान किया गया है। अटल आयुष्मान उत्तराखंड ट्रस्ट के चैयरमैन डीके कोटिया ने बताया कि आइएसए में विशेषज्ञ डॉक्टर एवं प्रोफेशनल की तैनाती होगी जो बीमारी के लिहाज से भुगतान करना सुनिश्चित करेंगे। देखा जाएगा कि कहीं अस्पताल अनावश्यक बिल बढ़ाने की कोई कोशिश तो नहीं कर रहा है। इसके अलावा भुगतान में देरी को भी जिम्मेदारी तय की जाएगी। केंद्रीय, सेना अथवा ईएसआइ योजना का लाभ लेने वाले इस योजना में आच्छादित नहीं है। यदि वे प्रदेश सरकार की योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो उन्हें पुरानी योजना छोड़नी होगी।
उत्तराखंड से बाहर भी इलाज देने की तैयारी
इस योजना के अंतर्गत पांच लाख रुपये तक के इलाज के दायरे में आने वाले मरीजों को अभी प्रदेश के चिह्नित अस्पतालों में इलाज देने का प्रावधान है हालांकि इसका दायरा बढ़ाने की तैयारी चल रही है। इसके तहत नेशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) के साथ ही लखनऊ व चंडीगढ़ में इलाज कराने की तैयारी चल रही है। सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू होने वाली योजना में देश भर में चिह्नित अस्पतालों में इलाज कराने की सुविधा दी जा रही है।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.