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    उत्तराखंड में फिलहाल टेट्रा पैक में नहीं मिलेगी देसी शराब, क्या है कारण

    By Jagran NewsEdited By: Nitesh Srivastava
    Updated: Wed, 19 Apr 2023 10:09 AM (IST)

    कोर्ट ने कहा कि सरकार बताए कि इससे पर्यावरण को कितना नुकसान होगा और किस अध्ययन या शोध के बाद यह निर्णय लिया गया है। यह भी पूछा कि इससे कितना वेस्ट प्लास्टिक जनरेट होगा। अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी।

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    अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी। जागरण

     जागरण संवाददाता, नैनीताल: हाई कोर्ट ने आबकारी नीति-2023 के तहत देसी शराब की 200 एमएल वाले टेट्रा पैक में बिक्री पर फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि सरकार बताए कि इससे पर्यावरण को कितना नुकसान होगा और किस अध्ययन या शोध के बाद यह निर्णय लिया गया है। यह भी पूछा कि इससे कितना वेस्ट प्लास्टिक जनरेट होगा।

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    अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में चंपावत के नरेश चंद्र की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि आबकारी नीति की धारा-5.5 पर्यावरण को नुकसान करेगी। एक तरफ सरकार प्लास्टिक के उन्मूलन को कार्यक्रम चला रही दूसरी तरफ टेट्रा पैक के माध्यम से इसको प्रमोट कर रही है।

    सरकार की ओर से सीएससी चंद्रशेखर रावत ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि दूध, छांछ सहित तमाम उत्पाद टेट्रा पैक में ही बेचे जा रहे हैं। सरकार ने सोच समझकर यह निर्णय लिया है। कोर्ट ने कहा कि हर माह एक करोड़ टेट्रा पैक बिकेंगे तो इससे गंदगी होगी और पर्यावरण को नुकसान होगा।

    याचिकाकर्ता का यह भी कहना था कि नई आबकारी नीति के अनुसार दो सौ एमएल के टेट्रा पैक बेचने की योजना राज्य सरकार की ही प्लास्टिक वेस्ट नियमावली के विरुद्ध है। जिसकी वजह से पर्यावरण को अत्यधिक नुकसान होगा। याचिकाकर्ता ने इस पर रोक लगाने की प्रार्थना करते कहा है कि सरकार एक ओर प्लास्टिक पर रोक नहीं लगा पा रही है और दूसरी ओर टेट्रा पैक में बिक्री की अनुमति दे रही है।