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    Army Captain Accident Case: आरोपित चालक का पीछा करते हुए दिल्ली पहुंची पुलिस, कैंटर से हुई थी कैप्टन की मौत

    By Jagran NewsEdited By: riya.pandey
    Updated: Fri, 13 Oct 2023 09:40 AM (IST)

    Army Captain Accident Case सेना के कैप्टन की मौत के मामले में आरोपित कैंटर चालक की तलाश में पुलिस दिल्ली पहुंच गई है। उसके संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। बता दें कि बीते मंगलवार को देर रात वीवीआइपी राजभवन मार्ग पर हाथीबड़कला में सेंट्रियो माल के बाहर बेतरतीब खड़े कैंटर (ट्रक) के कारण सेना के कैप्टन की मौत हो गई थी। पढ़ें पूरी मामला...

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    Army Captain Accident Case: आरोपित चालक का पीछा करते हुए दिल्ली पहुंची पुलिस

    जागरण संवाददाता, देहरादून। Army Captain Accident Case: सेना के कैप्टन की मौत के मामले में आरोपित कैंटर चालक की तलाश में पुलिस दिल्ली पहुंच गई है। उसके संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।

    बता दें कि बीते मंगलवार को देर रात वीवीआइपी राजभवन मार्ग पर हाथीबड़कला में सेंट्रियो माल के बाहर बेतरतीब खड़े कैंटर (ट्रक) के कारण सेना के कैप्टन की मौत हो गई थी। वह मूल रूप से गोमती नगर लखनऊ के थे और देहरादून में क्लेमेनटाउन स्थित 205 इंजीनियर रेजीमेंट में तैनात थे।

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    आरोपित चालक के खिलाफ मुकदमा

    बुधवार को 201 इंजीनियर रेजीमेंट क्लेमेनटाउन के मेजर असीम समौता की तहरीर पर आरोपित चालक के विरुद्ध शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने मानव जीवन को खतरे में डालने, जल्दबाजी में वाहन चलाने और गलत ढंग से वाहन खड़ा कर मौत का कारण बनने की धाराओं में मुकदमा किया है।

    कैप्टन सृजन पांडे की इलाज के दौरान मौत

    तहरीर में उन्होंने बताया कि कैप्टन सृजन पांडे निवासी गोमती नगर लखनऊ उत्तर प्रदेश 205 इंजीनियर रेजीमेंट क्लेमेनटाउन में तैनात थे। 10 अक्टूबर को वह अपने दोस्त फ्लाइंग आफिसर वायुसेना सिद्धार्थ मेनन के साथ कार से गढ़ी कैंट से दिलाराम चौक की तरफ जा रहे थे। वह सेंट्रियों माल में रुके और वहां पर खाना खाया। इसी दौरान माल के एंट्री गेट पर गलत ढंग से खड़े कैंटर से उनकी कार टकरा गई। इस दौरान कैप्टन सृजन पांडे गंभीर रूप से घायल हो गए। इलाज के दौरान अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई जबकि हादसे में फ्लाइंग आफिसर सिद्धार्थ मेनन भी घायल हो गए थे।

    माल के बाहर दुर्घटनास्थल का तकनीकी टीम ने किया निरीक्षण

    सड़क दुर्घटना में थल सेना के कैप्टन की मौत के बाद परिवहन विभाग की तकनीकी टीम ने बीती गुरुवार सुबह दुर्घटनास्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान पाया गया कि सेंट्रियो माल के बाहर का स्थल दुर्घटना के लिहाज से काफी संवेदनशील हो गया है। मार्ग की खामियों, माल की प्रवेश व निकासी की व्यवस्था की टीम ने बारीकी से जांच-पड़ताल की। टीम ने सुधार के सुझाव के साथ अपनी रिपोर्ट सड़क सुरक्षा समिति को भेज दी है।

    बता दें कि, दैनिक जागरण ने गुरुवार के अंक में दुर्घटनास्थल को लेकर सवाल खड़े करते हुए खबर प्रकाशित की थी। इसी का संज्ञान लेकर परिवहन मुख्यालय ने टीम को निरीक्षण के निर्देश दिए गए थे। तकनीकी टीम में शामिल आरटीओ (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी व एआरटीओ (प्रवर्तन) राजेंद्र विराटिया ने जांच के दौरान हाथीबकड़ला पुलिस चौकी से दिलाराम तिराहे तक के दुर्घटना संभावित क्षेत्र की पड़ताल की।

    गलत ढंग से खड़े कैंटर से दुर्घटना में हुई थी सेना के कैप्टन की मौत

    आरटीओ तिवारी ने बताया कि कैंटर सेंट्रियो माल में प्रवेश कर रहा था, जिससे उसका पिछला हिस्सा तिरछा था और विपरीत दिशा में था। कार का दाहिना हिस्सा कैंटर के पिछले हिस्से में जा टकराया। वहां पथ-प्रकाश की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी।

    माल के बाहर दुर्घटना रोकने के लिए सुझाव

    • सड़क के दोनों ओर के किनारे पर सोल्डर कटे हुए हैं, जिनको तत्काल भरा जाना आवश्यक है।
    • दुर्घटनास्थल पर पथ-प्रकाश की समुचित व्यवस्था नहीं है, जिसे विभाग से दुरुस्त कराया जाए।
    • सेंट्रियो माल में बाहर से अंदर आने वाले ट्रकों और बाहर जाने वाले ट्रकों को मुख्य मार्ग पर दिशा-निर्देश देने के लिए माल प्रबंधन को कर्मचारी नियुक्त करने को कहा गया।
    • माल प्रबंधन को प्रवेश द्वार और निकास द्वार पर बोर्ड लगाने को कहा गया।
    • कार्यदायी संस्था को रोड मार्किंग, कैट-आई, स्पीड लिमिट बोर्ड व धीरे चलें का बोर्ड लगाए जाने व मार्ग का चौड़ीकरण को पत्र भेजा जा रहा।
    • इस स्थान पर मार्ग सीधा है, जिससे वाहनों की गति अधिक रहती है। इसे देख कार्यदायी संस्था को मार्ग पर गति नियंत्रण के लिए रंबल स्ट्रिप लगाने व रोड मार्किंग के भी निर्देश है।

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