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    अब 24 घंटे में वापस मिलेगी कार, 5 महीने से शाेरूम ऑनर ने नहीं लौटाई गाड़ी, डीएम ने सुलझाया मामला

    Updated: Wed, 15 Oct 2025 08:49 AM (IST)

    देहरादून में एक शोरूम संचालक ने मरम्मत के लिए दी गई कार को पांच महीने बाद भी वापस नहीं किया। कार मालिक ने जिलाधिकारी से शिकायत की, जिसके बाद शोरूम संचालक 25 अक्टूबर तक कार लौटाने को राजी हो गया। मालिक का आरोप है कि संचालक पार्किंग शुल्क मांग रहा था और मरम्मत भी नहीं की गई थी। जिलाधिकारी के हस्तक्षेप से मामला सुलझा।

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    देहरादून के डीएम हैं सविन बंसल। फाइल

    अंकुर अग्रवाल, जागरण, देहरादून। शोरूम में मरम्मत के लिए दी गई कार पांच माह से वहीं बंधक बनी हुई है और कार का मालिक दर-दर भटक रहा है। आरोप है कि शोरूम संचालक वर्कशाप में कार खड़ी करने की एवज में पार्किंग शुल्क मांग रहा है और कार भी ठीक नहीं की गई। कार मालिक ने जनता दरबार में जिलाधिकारी सविन बंसल से मुलाकात कर शिकायत दर्ज कराई।

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    जिलाधिकारी ने एआरटीओ (प्रशासन) चक्रपाणि मिश्रा को मामले में जांच करने और कार्रवाई के निर्देश दिए। नतीजा यह हुआ कि, जो कार शोरूम संचालक पांच माह बाद भी नहीं लौटा रहा था, अब उसे दुरुस्त कर 25 अक्टूबर तक लौटाने को राजी हो गया है।

    मरम्मत के लिए दी गई कार पांच माह बाद भी नहीं लौटा रहा था शोरूम संचालक

     

    जिलाधिकारी को दी गई शिकायत में डोभालवाला निवासी आनंद सिंह बिष्ट ने बताया कि उनके पिता प्रताप सिंह बिष्ट ने वर्ष-2018 में देहरादून में मारूति कंपनी के एक शोरूम से वैगनआर कार खरीदी थी। दुर्घटना के कारण जुलाई-2022 में कार को मरम्मत के लिए शोरूम के वर्कशाप में दिया गया। आरोप है कि संचालक की ओर से मरम्मत ठीक नहीं की गई और 78 हजार रुपये का बिल बना दिया गया। यह बिल बीमा कंपनी की ओर से शोरूम संचालक को भुगतान कर दिया गया। इस दौरान शाेरूम संचालक ने भरोसा दिया था कि कार में जो कमी रह गई है, वह उसे बाद में ठीक करा देगा।

     

    जिलाधिकारी ने एआरटीओ (प्रशासन) चक्रपाणि मिश्रा को दिए थे कार्रवाई के निर्देश

     

    आरोप है कि इसके बाद जब भी आनंद सिंह ने संचालक को कार ठीक करने को कहा, वह टालता रहा। सितंबर-2022 में कार को करीब 15 दिन वर्कशाप में रखा गया पर ठीक नहीं की गई। इसके बाद आनंद सिंह ने मारूति कंपनी के हेड आफिस में ई-मेल कर शोरूम संचालक की शिकायत की। जिस पर 19 मई-2025 को कार को वर्कशाप में दोबारा भेजा गया। आरोप है कि इसके बाद कार वापिस नहीं की जा रही। आरोप है कि शोरूम संचालक मई से अब तक एक हजार रुपये प्रतिदिन का पार्किंग शुल्क मांग रहा है।

    24 घंटे में ही मान गया शोरूम संचालक

     


    जिलाधिकारी की ओर से सोमवार को दिए कार्रवाई के आदेश के क्रम में एआरटीओ चक्रपाणि मिश्रा ने मंगलवार को शोरूम संचालक और कार मालिक को वार्ता के लिए बुलाया। दोनों के बीच सहमति बन गई व शोरूम संचालक ने कार की मरम्मत कर उसे 25 अक्टूबर तक लौटाने का भरोसा दिया। एआरटीओ की ओर से पत्र भेजकर जिलाधिकारी को सूचित कर दिया गया है।