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मंत्री के आदेश के बावजूद आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं को समय पर वेतन भुगतान नहीं, सीएम आवास कूच की चेतावनी

विभागीय मंत्री के आदेश के बाद भी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं को समय पर वेतन भुगतान नहीं हो रहा है। दो से तीन महीने तक लंबित वेतन भुगतान से परेशान राज्यभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सीएम आवास कूच की चेतावनी दी है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 08 Aug 2021 02:56 PM (IST)Updated: Sun, 08 Aug 2021 02:56 PM (IST)
मंत्री के आदेश के बावजूद आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं को समय पर वेतन भुगतान नहीं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। विभागीय मंत्री के आदेश के बाद भी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं को समय पर वेतन भुगतान नहीं हो रहा है। दो से तीन महीने तक लंबित वेतन भुगतान से परेशान राज्यभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सीएम आवास कूच की चेतावनी दी है। बीते जुलाई में विभागीय मंत्री जब बीते महीने में विभागीय राज्यमंत्री रेखा आर्य ने बैठक के दौरान अधिकारियों को इस समस्या का समाधान के निर्देश दिए थे, लेकिन विभागीय स्तर पर भी समस्या का हल नहीं निकाला गया।

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उत्तराखंड की बात करें तो यहां 20,068 बड़े, जबकि 5140 मिनी मिनी आंगनबाड़ी केंद्र हैं। जिनमें तकरीबन ४५ हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्त्‍ता और सहायिका कार्यरत हैं। इनमें से 25 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्त्‍ता कोरोना की दूसरी लहर में घर-घर जाकर प्रवासियों की जानकारी, संक्रमित मरीज का स्वास्थ्य, दवा आदि जानकारी हर दिन विभाग को उपलब्ध करवा रही हैं।

दरअसल, आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं, सहायिका को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से 60 और 40 फीसद के हिसाब से वेतन मिलता है, लेकिन लंबे समय से वेतन महीनेवार न मिलने से कार्यकर्त्ता परेशान हैं। यह वक्त है जब अधिकांश कार्यकर्त्ता कोरोनाकाल में सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन मार्च अप्रैल का वेतन उन्हें बीते दिनों ही मिला। इसमें हर महीने जब अपने खाते की पासबुक एंट्री करवाते हैं तो उसमें महीनेवार वेतन का जिक्र नहीं होता, जिससे कार्यकर्त्ताओं को यह पता नहीं चलता कि किस किस महीने का वेतन भुगतान हुआ और कौन से महीने का अभी लंबित है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्त्‍ता/सेविका/मिनी कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी ने कहा कि हर महीने का वेतन ब्लॉक स्तर पर जारी होता है, जिसे सुपरवाइजर वैरिफाई के बाद ट्रेजरी में एक साथ स्टीमेट बनाते हैं और कार्यकर्त्ताओं के अकाउंट में डालते हैं। लेकिन यहां दो, तीन और कभी तो चार-चार महीने का वेतन एक साथ आता है, इससे पता करने में परेशानी होती है कि किस महीने का आया और किस महीने का आना बाकि है।

सरकार को चाहिए कि हर महीने की सात तारीख से पहले वेतन जारी हो। विभागीय मंत्री ने भी इस संबंध में अधिकारियों को बैठक के दौरान समस्या का हल करने के निर्देश दिए थे, लेकिन स्थिति जस की तस है। उत्तराखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की महामंत्री सुशीला खत्री का कहना है कि वेतन को लेकर बीते दिनों विभागीय मंत्री रेखा आर्य से मिजले थे, जिसमें उन्होंने शीघ्र आश्वासन दिया।

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