घर-घर जाकर टेक होम राशन वितरण का आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया विरोध, जानिए वजह
आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभर्थियों को अब घर-घर राशन बांटने को लेकर आंनगबाड़ी कार्यकर्ता परेशान हैं। उनकी मानें तो कोरोना संक्रमण के बीच वो लोगों के घरों में जाकर राशन वितरित करेंगी तो परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है।
देहरादून, जेएनएन। आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभर्थियों को अब घर-घर राशन बांटने को लेकर आंनगबाड़ी कार्यकर्ता परेशान हैं। महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग ने सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ता और सहायिकाओं को लाभर्थियों के घर जाकर उन्हें राशन वितरित करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कोरोना संक्रमण की चिंता सता रही है। अगर वे लोगों के घरों में जाकर राशन वितरित करेंगी तो परेशानी बढ़ सकती है। उन्होंने विभाग और जिला प्रशासन से मांग की है कि ये कार्यक्रम स्थिति सामान्य होने के बाद किया जाए।
देहरादून जिले की बात करें तो यहां पर कुल 1907 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिनमें मानक के तहत तकरीबन 500 की आबादी पर एक केंद्र तय है। आंगनबाड़ी क्रेंद्र बंद होने के बाद विभाग ने मार्च से टेक होम राशन घर-घर देने के निर्देश दिए हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सेविका कर्मचारी यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष जानकी चौहान का कहना है कि लाभार्थियों को घर-घर राशन वितरण के बाद विभाग को रिकॉर्ड उपलब्ध करवाना है। पर वर्तमान की स्थिति को देखते हुए विभाग और प्रशासन को चाहिए कि कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य होने के बाद इसे वितरित किया जाए, क्योंकि इन दिनों दो लोगों को ही 500 जनसंख्या के बीच जाना है और राशन बांटना है। ऐसे में खुद को भी संक्रमण का खतरा है।
सुरक्षा के आदेश नहीं मिले तो नहीं बांटेंगे राशन
इस महीने के राशन के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से विभिन्न समूह इस बार लाभर्थियों को संख्या पूछ रहे हैं ताकि वे राशन के पैकेट बनाकर सम्बंधित केंद्रों को उपलब्ध करा सकें। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सेविका कर्मचारी यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष जानकी चौहान और कोषाध्यक्ष लक्ष्मी पंत ने फोन पर कार्यकर्ताओं के साथ वार्ता की, जिसमें उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद कार्यकर्ताओं को फील्ड में भेजा जा रहा है। उनकी सुरक्षा की जिमेदारी भी सरकार को लेनी चाहिए। कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो टेक होम राशन वितरण नहीं किया जाएगा। कहा कि महामारी के इस दौर में सरकार ने बीमा करवाने की घोषणा जरूर की है, लेकिन सुरक्षा किट भी प्रदान की जानी चाहिए।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में PMGSY की सड़कों में ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार, निर्माण में आएगी तेजी