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ऑल वेदर रोड: भूमि हस्तांतरण का 87 फीसद काम पूरा, इन योजनाओं पर तेजी से काम

ऑल वेदर रोड परियोजना में वन भूमि हस्तांतरण से संबंधी 87 फीसद कार्य पूरा कर लिया गया है। सड़क परियोजना में स्वीकृत 28 योजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है।

By Edited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 03:01 AM (IST)Updated: Tue, 27 Nov 2018 03:32 PM (IST)
ऑल वेदर रोड: भूमि हस्तांतरण का 87 फीसद काम पूरा, इन योजनाओं पर तेजी से काम
ऑल वेदर रोड: भूमि हस्तांतरण का 87 फीसद काम पूरा, इन योजनाओं पर तेजी से काम

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v style="text-align: justify;">देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री को जोड़ने वाली ऑल वेदर रोड परियोजना में वन भूमि हस्तांतरण से संबंधी 87 फीसद कार्य पूरा कर लिया गया है। सड़क परियोजना में स्वीकृत 28 योजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है, जबकि सात के लिए टेंडर हो चुके हैं। हालाकि, कुछेक स्थानों पर वन भूमि आने के कारण पर्यावरणीय पेच भी हैं। बड़ी संख्या में पेड़ कटान से पर्यावरण भी पर असर पड़ा है। 
चारधाम मार्गों पर वर्षभर यातायात सुचारू रहे, इसके मद्देनजर 2016 में केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के लिए ऑल वेदर रोड परियोजना की मंजूरी दी। इसका राष्ट्रीय और सामरिक महत्व भी है। प्रदेश सरकार का मानना है कि राज्य की आर्थिकी के लिहाज से यह परियोजना अहम है। राज्य की एक बड़ी आबादी की आर्थिकी चारधाम मार्ग पर टिकी है।
पेड़ों के कटान से पर्यावरण पर पड़ेगा असर    
चारधाम यात्रा के दरम्यान बरसात में यात्रा मार्ग बाधित होने से दिक्कतें बढ़ जाती हैं। हालांकि, परियोजना के जद में बड़े पैमाने पर नाप व वन भूमि आने के कारण पेड़ों के कटान के साथ ही सड़क चौड़ीकरण के लिए खुदाई से पर्यावरण पर भी असर पड़ना लाजिमी है। हालांकि, इस सबके मद्देनजर केंद्र व राज्य की ओर से मॉनीटरिंग की जा रही है। सप्ताहभर पहले प्रधानमंत्री कार्यालय के सचिव अरुण गोयल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ऑल वेदर रोड परियोजना की समीक्षा की।
28 योजनाओं पर तेजी से काम 
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के मुताबिक परियोजना में 53 कार्य स्वीकृत हैं। इनमें से 28 योजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। सात कायरे की निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। राज्य लोनिवि, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और सीमा सड़क संगठन निर्माण में जुटे हैं। परियोजना में भूमि हस्तातरण से संबंधित 87 फीसद कार्य हो चुका है। परियोजना में वन भूमि हस्तांतरण के 27 मामलों का निस्तारण हो चुका है, मगर तीन-चार स्थानों पर अभी पेच फंसा है। 
परियोजना पर एक नजर लागत
11700 करोड़ रुपये ये होंगे निर्माण 
-25 पुल, 13 बाइपास, तीन फ्लाई ओवर व दो सुरंग -तीर्थयात्रियों के लिए तैयार होंगे 28 सुविधा केंद्र 
-राजमार्ग पर 154 बस बे व ट्रक बे का निर्माण। 
-38 स्थानों पर बनेंगे लैंड स्लाइड जोन 
सड़क कहां से कहां तक, दूरी, लागत (करोड़ रुपये में) 
ऋषिकेश-रुद्रप्रयाग,    140, 1824 
रुद्रप्रयाग-माणा गाव,  160, 1498.05 
ऋषिकेश-धरासू,       144, 1687.70 
धरासू-गंगोत्री,         124, 2183.85 
धरासू-यमुनोत्री,        95, 1368.17 
रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड,      76, 1040.56 
टनकपुर-पिथौरागढ़,     150, 1716.84 
(नोट: दूरी किमी में और लागत करोड़ रुपये में)
पुल और बस स्टैंड व सुरंग
ऋषिकेश से यमुनोत्री 
-दो बाइपास, एक छोटा पुल, तीन बड़े पुल, 27 छोटे पुल, दो सुरंग, 73 बस वे व चार ट्रक वे। 
धरासू से गंगोत्री 
-दो बाइपास, एक छोटा पुल व चार बड़े पुल 
रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड 
तीन बाइपास, तीन बड़े पुल व 23 छोटे पुल 
ऋषिकेश से बदरीनाथ
-तीन बाइपास, 12 बड़े पुल, 38 छोटे पुल, 59 बस स्टैंड व दो ट्रक स्टैंड 
टनकपुर से पिथौरागढ़
तीन बाइपास, चार बड़े पुल, 19 छोटे पुल, 13 बस बे व तीन ट्रक वे। 

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