सिर्फ गियर बॉक्स नहीं, होगी सभी बसों की स्कैनिंग; पढ़िए पूरी खबर
राज्य परिवहन निगम के लिए खरीदी गई 150 नई बसों में तकनीकी फॉल्ट की शिकायतों के मद्देनजर अब सभी बसों की स्कैनिंग की जाएगी।
देहरादून, जेएनएन। राज्य परिवहन निगम के लिए खरीदी गई 150 नई बसों में तकनीकी फॉल्ट की शिकायतों के मद्देनजर अब सभी बसों की स्कैनिंग की जाएगी। दरअसल, नई बसों के गियर बॉक्स व गियर लीवर को लेकर सर्वाधिक शिकायतें हैं। बसों में ओल्ड मॉडल वाले गियर लीवर लगे हैं और इनकी गुणवत्ता से भी समझौता किया गया है। यही वजह है कि परिवहन निगम ने कंपनी बसों का पूरा भुगतान रोक लिया है।
टाटा कंपनी से रोडवेज के लिए खरीदी गई डेढ़ सौ नई बसों के गियर लीवर में आ रही खराबी के बाद रोडवेज ने सभी इन बसों के गियर लीवर बदलने का फैसला लिया था।
टाटा कंपनी की टीम ने गुरूवार को कुमाऊं मंडल पहुंचकर उन दोनों बसों की जांच की थी, जिनके गियर लीवर टूटे थे। रोडवेज के महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि गियर लीवर में वेल्डिंग स्तर से टूटने की शिकायत मिली है। शुक्रवार को दोनों बसों के गियर लीवर बदल दिए गए थे, लेकिन अब बसों में दूसरे फॉल्ट भी सामने आ रहे हैं। गियर लीवर के टूटने बाद अब इनके इंजन में भी परेशानी आ रही। जोशीमठ जा रही बस व रुद्रप्रयाग जा रही बस में इंजन की परेशानी के मामले आए तो हल्द्वानी की बस में एक खिड़की यात्री पर आ गिरी। परिवहन निगम के लिए करीब 37 करोड़ रुपये कीमत की टाटा कंपनी से ये बसें खरीदी हैं।
इन बसों में ओल्ड मॉडल के गियर लीवर हैं। गियर लीवर टूटने की शिकायतों के बाद निगम ने टाटा कंपनी के 37 करोड़ रुपये के भुगतान पर रोक लगाई हुई है। रोडवेज अधिकारियों ने बताया कि नई बसों की एवज में अभी टाटा कंपनी को एक भी रुपये का भुगतान नहीं किया गया है। कंपनी की पांच करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि भी रोडवेज के पास जमा है। ऐसे में कंपनी बसों की खराबी से पल्ला नहीं छुड़ा सकती।
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दीपक जैन (महाप्रबंधक उत्तराखंड परिवहन निगम) का कहना है कि बसों के गियर लीवर बदलने के साथ ही अब उनकी पूरी स्कैनिंग कराई जा रही है। पचास बसें चेक हो चुकी हैं और किसी में कोई गड़बड़ी नहीं मिली। जो भी दिक्कतें हैं उन्हें कंपनी स्तर पर ठीक किया जा रहा।
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