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    Air Quality Index: पटाखों में 'धुआं' नहीं हो पाई उम्मीद, देहरादून में क्या रहा वायु प्रदूषण कम होने का कारण?

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 09:04 AM (IST)

    दीपावली पर पटाखों से प्रदूषण कम होने की उम्मीद थी, पर ऐसा नहीं हुआ। देहरादून में वायु प्रदूषण में कुछ कमी आई, जिसके कई कारण थे। मौसम विभाग के अनुसार, हवा की गति सामान्य से अधिक रही। लोगों में जागरूकता और प्रशासन की सख्ती भी मददगार रही। औद्योगिक इकाइयों और वाहनों से होने वाले उत्सर्जन में कमी से भी हवा कुछ हद तक साफ रही।

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    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। दीपावली का पर्व राजधानी दून में पूरे उत्साह के साथ मनाया गया और पटाखों का धूम धड़ाका भी हुआ। हालांकि, पटाखे जलाने में दून ने दिल की बात मानी और अब कुछ नियंत्रण में रहा। इसका असर यह हुआ दून दीपावली की रात वायु प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी में जाने के बाद भी राहत दे गया।

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    घंटाघर पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआ) 254, जबकि नेहरू कालोनी जैसे रिहायशी क्षेत्र में 230 दर्ज किया गया। वर्ष 2024 की दीपावली की तुलना में एक्यूआ में 34 अंक, जबकि नेहरू कालोनी में 13 अंकों की कमी पाई गई। वहीं, ऋषिकेश में एक्यूआइ 135 रहा और यह आंकड़ा पिछली दीपावली की तुलना में 38 अंक कम पाया गया। वर्ष 2024 की दीपावली की तुलना में एक्यूआइ में घंटाघर पर 34 और नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में 13 अंकों की कमी रहा वायु प्रदूषण।


    ऋषिकेश में माध्यम श्रेणी में ही रही हवा की गुणवत्ता


    उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय ने दीपावली के मद्देनजर 13 अक्टूबर से देहरादून, ऋषिकेश और टिहरी में हवा की निगरानी शुरू की थी। यह क्रम अब दीपावली के बाद 27 अक्टूबर तक जारी रहेगा। दीपावली से पहले दून में वायु प्रदूषण की स्थिति माध्यम श्रेणी में थी। छोटी दीपावली तक यही क्रम बना रहा। हालांकि, बड़ी दीपावली के दिन इसमें एकदम से उछाल आया।

    हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में 200 पार कर गई। फिर भी इस बात पर संतोष व्यक्त किया जा सकता है कि इसमें न सिर्फ वर्ष 2024 की तुलना में अपेक्षा से कहीं अधिक कमी पाई गई। टिहरी के मामले में यह बात और भी अच्छी रही। दीपावली की रात में वहां का एक्यूआइ 66 पर सिमटा रहा।



    दीपावली तक देहरादून में एक्यूआ


    स्थान, 13 अक्टूबर, 14 अक्टूबर, 15 अक्टूबर, 16 अक्टूबर, 17 अक्टूबर, 18 अक्टूबर, 19 अक्टूबर, 20 अक्टूबर
    घंटाघर, 113, 106, 120, 114, 102, 171, 162
    नेहरू कालोनी, 95, 98, 102, 111, 97, 128, 120

    दीपावली के दिन एक्यूआ

     

    वर्ष, घंटाघर, नेहरू कालोनी, ऋषिकेश
    2025, 254, 230, 135
    2024, 288, 243, 173
    2023, 333, 349, 196
    2022, 252, 242, 236
    2021, 248, 306, 257
    2020, 317 (एक ही स्थल), 198

    एक्यूआइ के मुताबिक हवा का हाल
    शून्य से 50, अच्छा
    51 से 100, संतोषजनक
    101 से 200, मध्यम
    201 से 300, बुरी
    301 से 400 बहुत बुरी
    401 व अधिक, अति गंभीर

    दून में नौ स्थानों पर उड़े ड्रोन, होती पानी की बौछार

     


    प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित पोखरियाल ने बताया कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और प्रदूषण कणों को वायुमंडल से हटाने के लिए दून शहर के नौ स्थलों जैसे घंटाघर, आइएसबीटी, राजपुर रोड और अन्य प्रमुख स्थलों पर ड्रोन उड़ाए गए। ड्रोन से पानी की फुहारें छोड़ी गईं। जहां भी अधिक धुआं नजर आया, वहां नियमित रूप से ड्रोन उड़ाए गए। इसी तरह ऋषिकेश में भी ड्रोन उड़ाने के लिए चार स्थल चिह्नित किए गए थे। यह भी एक बड़ा कारण रहा कि वातावरण में प्रदूषण कण देर तक ठहर नहीं पाए।

     

    दो दिन की दीपावली की उलझन में भी कम जलाए गए पटाखे

     


    इस बार दीपावली के मुख्य पर्व को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रही। अधिकतर परिवारों ने सोमवार को दीपावली मनाई, वहीं मंगलवार को भी दीपावली होने के भ्रम के कारण तमाम व्यक्तियों ने तय किया कि वह मंगलवार को भी पर्व मनाएंगे। ऐसे में पटाखों के कोटे को बचाकर भी रखा गया। ताकि मंगलवार को भी उन्हें जलाया जा सके। यह भी एक कर्ण है कि सोमवार को अपेक्षाकृत कम पटाखे जलाए गए। पटाखे जलाने का क्रम मंगलवार को भी जारी रहा। ऐसे में दून का वायु प्रदूषण मंगलवार को भी माध्यम से अधिक आ सकता है। इसके आंकड़े बुधवार को जारी किए जाएंगे।