चमोली और पिथौरागढ़ में बहने लगी प्राणवायु, देहरादून में भी वायु प्रदूषण के स्तर में आई गिरावट
कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए घोषित किए गए लॉकडाउन में वाहनों की आवाजाही नगण्य हो जाने से इसका असर हवा की गुणवत्ता पर भी पड़ा है।
देहरादून, सुमन सेमवाल। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए घोषित किए गए लॉकडाउन में वाहनों की आवाजाही नगण्य हो जाने से इसका असर हवा की गुणवत्ता पर भी पड़ा है। इसका आकलन देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुद्रपुर, काशीपुर व हल्द्वानी जैसे शहरों में वायु प्रदूषण के स्तर में आई गिरावट से लगाया जा सकता है। इन शहरों में इस समय प्रदूषण का स्तर अधिकतम सीमा से 75 से 65 फीसद से कम हो गया है। इसके अलावा पर्वतीय क्षेत्रों में भी हवा बेहद साफ हुई है। सर्वाधिक स्वच्छ हवा चमोली व पिथौरागढ़ जिले में बह रही है। यहां वायु प्रदूषण अधिकतम सीमा से 86 फीसद नीचे पाया गया।
वायु प्रदूषण की यह स्थिति अंतरराष्ट्रीय स्तर की वेबसाइट ‘विंडी’ के सेटेलाइट आंकड़ों से सामने आई। यह वेबसाइट पीएम-2.5 पर हवा की गुणवत्ता का आकलन करती है और 24 घंटे में 2.5 का अधिकतम स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होना चाहिए। लॉकडाउन में उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वायु प्रदूषण का मापन नहीं कर रहा है।
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बोर्ड के आखिरी आंकड़े 14 मार्च तक के हैं और दून में तब 2.5 का अधिकतम स्तर 97.69 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था। फरवरी में यह स्तर (आइएसबीटी साइट पर) कुछ अधिक 101 पाया गया। दून में सोमवार को 2.5 का स्तर सुबह के समय 15 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पाया गया, जबकि दोपहर के समय यह 16 पर आ गया था।
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