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    उत्तराखंड के पहले ऑटो वॉक का एम्स निदेशक ने किया औचक निरीक्षण, ये है खासियत

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Tue, 14 Jul 2020 09:53 PM (IST)

    एम्स ऋषिकेश में मरीजों और तीमारदारों की सुविधा के लिए बने उत्तराखंड के पहले ऑटो वॉक का एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने निरीक्षण किया।

    उत्तराखंड के पहले ऑटो वॉक का एम्स निदेशक ने किया औचक निरीक्षण, ये है खासियत

    ऋषिकेश, जेएनएन। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) ऋषिकेश में मरीजों और तीमारदारों की सुविधा के लिए बने उत्तराखंड के पहले ऑटो वॉक का एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि सौर ऊर्जा से संचालित होने वाले ऑटो वॉक से लोगों को संस्थान के चारों भवनों में आवागमन की सुविधा मिलेगी।   

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    एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने एम्स में नवनिर्मित ऑटो वॉक का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि यह ऑटो वॉक एम्स संस्थान की चार बिल्डिंगों मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल, ओपीडी ब्लॉक और ट्रॉमा सेंटर को आपस में जोड़ेगा। उन्होंने बताया कि इससे मरीजों और उनके तीमारदारों के साथ-साथ एम्स फैकल्टी, चिकित्सकों और स्टाफ को एक से दूसरे भवन में आवागमन की सुविधा मिल सकेगी। 

    प्रो. रवि कांत ने बताया कि लोगों के आवागमन की सुविधा के लिए जल्द ही ऑटो वॉक का लोकार्पण किया जाएगा। एम्स के अधीक्षण अभियंता अनुराग सिंह और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर इंद्रजीत सिंह ने बताया कि जनसुविधा के लिए बनाए गए ऑटो वॉक का प्रावधान एम्स संस्थान के डीपीआर प्रोजेक्ट में किया गया था, जिसका निर्माण कार्यदायी एजेंसी द्वारा किया गया है। उन्होंने बताया कि निर्माण एजेंसी द्वारा ऑटो वॉक के एम्स को हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसका लोकार्पण किया जाएगा। 

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    इस दौरान बताया गया कि इस वॉक में बिल्डिंग ए और बी के साथ ही बी और सी के बीच 37-37 मीटर के दो पथ और बिल्डिंग ए, बी के साथ ही सी को ट्रॉमा सेंटर से जोड़ने के लिए 75 और 95 मीटर के दो पथ का निर्माण किया गया है। नेचुरल एनर्जी (सौर ऊर्जा) से संचालित होने वाले इस ऑटो वॉक से शत-प्रतिशत बिजली की बचत होगी और लोगों के एक से दूसरी बिल्डिंग में आने-जाने में सहूलियत होगी।

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