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    उत्‍तराखंड सीएम धामी का एलान, Tiger Protection Force में अग्निवीरों को दी जाएगी सीधी तैनाती

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 12:26 PM (IST)

    उत्तराखंड सरकार टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में अग्निवीरों को सीधी भर्ती देगी जिससे बाघ संरक्षण को मजबूती मिलेगी और युवाओं को रोजगार मिलेगा। फोर्स में 81 पद होंगे और अग्निवीरों को सरकारी सेवाओं में 10% आरक्षण भी मिलेगा। यह फोर्स अवैध शिकार रोकने वन्यजीव अपराधों पर नियंत्रण रखने और मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रबंधन में मदद करेगी। आधुनिक तकनीकों से लैस यह फोर्स राष्ट्रीय स्तर पर बाघ संरक्षण को बढ़ावा देगी।

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    टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में अग्निवीर होंगे तैनात. Concept

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। प्रदेश में गठित की जाने वाली टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में अग्निवीरों को सीधी तैनाती दी जाएगी। इस फोर्स में 81 पद प्रस्तावित हैं। ये सभी पद अग्निवीरों को ही दिए जाएंगे।

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतरराष्ट्रीय टाइगर दिवस पर इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इससे न केवल बाघ संरक्षण के प्रयासों को मजबूती मिलेगी बल्कि अग्निवीर के रूप में अपनी सेवा पूरी कर चुके प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। अग्निवीरों को सेवायोजित करने के लिए सरकार का यह एक अहम कदम है। साथ ही सरकार उन्हें सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के लिए नीति भी बना रही है।

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    अवैध शिकार पर लगेगी रोक

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस फोर्स की स्थापना से बाघ संरक्षण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी तथा अवैध शिकार पर रोक लगेगी। फोर्स में अग्निवीर जैसे प्रशिक्षित जवान वन क्षेत्रों में गश्त करें, खुफिया जानकारी एकत्र करेंगे और शिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। इससे वन्यजीव अपराधों पर नियंत्रण के साथ ही यह फोर्स वन और वन्यजीव से संबंधित अन्य अपराधों जैसे लकड़ी की तस्करी, अवैध खनन और अतिक्रमण पर भी नियंत्रण रखेगी।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि बाघों के प्राकृतिक आवास का संरक्षण भी महत्वपूर्ण है। यह फोर्स वनों में अवैध कटान तथा उनके आवास को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों को रोकने में मदद करेगी तथा मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रबंधन में भी सहयोगी बनेगी।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार बाघ आबादी वाले क्षेत्रों में आ जाते है हैं जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष होता है। यह फोर्स ऐसी स्थितियों को संभालने के लिए प्रशिक्षित होगी, ताकि दोनों पक्षों को नुकसान न हो। इस फोर्स को आधुनिक निगरानी तकनीकों जैसे ड्रोन, थर्मल इमेजिंग और जीपीएस ट्रेकिंग से लैस किया जाएगा। इससे उनकी दक्षता भी बढ़ेगी।

    अग्निवीरों की भर्ती से स्थानीय समुदाय भी संरक्षण प्रयासों में शामिल होगा, जिससे एक सकारात्मक माहौल बनेगा। उन्होंने कहा कि यदि यह माडल सफल होता है तो इसे देश के अन्य बाघ अभयारण्यों और संरक्षित क्षेत्रों में भी अपनाया जा सकता है। इससे राष्ट्रीय स्तर पर भी बाघ संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।