आक्रामक कुत्ते पालने की झूठी शान, खतरे में पड़ोसियों की जान; सूरत निगम के आदेश से सीख लेने की जरूरत
देहरादून में आक्रामक कुत्तों के पालने का चलन बढ़ रहा है जिससे लोगों में डर का माहौल है। ये कुत्ते राहगीरों पर हमला करने की मुद्रा में रहते हैं। सूरत नगर निगम ने कुत्ता पालने के लिए पड़ोसियों से एनओसी लेने का नियम बनाया है जिससे आक्रामक प्रजाति के कुत्तों के पालने पर रोक लग सके। कई घरों के बाहर कुत्तों से सावधान के बोर्ड भी लगाए गए हैं।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। सुकून तलाशने और सेहत को दुरुस्त रखने के लिए सुबह और शाम के समय कालोनियों में टहलने निकलने वाले लोगों के मन में खूंखार प्रजाति के कुत्तों का डर हमेशा बना रहता है। शहरी क्षेत्र में अब उस प्रजाति के कुत्ते भी पाले जा रहे हैं, जो बेहद आक्रामक होते हैं।
चेन पर बांधकर घूमाए जा रहे यह कुत्ते राह चलते लोगों पर हमले की मुद्रा में रहते हैं। जिससे लोग इस दौरान वहां से आवाजाही करने की हिम्मत नहीं करते। क्योंकि आए दिन वह समाचार पत्र और इंटरनेट मीडिया पर इन कुत्तों के हमले की खबर सुनते व पढ़ते हैं।
घरों में शान और सुरक्षा के नाम पर कुत्ते पालने का चलन बढ़ा है। इसमें आक्रामक प्रजाति के कुत्ते भी पाले जा रहे हैं। इन्हें पालने वाले स्टेटस सिंबल के लिए ऐसी प्रजाति के कुत्ते पालते हैं जो पड़ोसियों के लिए भी गंभीर खतरा बने रहते हैं। आक्रामक प्रजाति के यह कुत्ते कई बार अपने मालिक पर भी हमला कर देते हैं।
चेन में बंधे कुत्ते कई बार आसपास से निकल रहे लोगों पर हमला करने की कोशिश करते हैं। कई बार लोग ऐसे कुत्तों को घर के गेट पर चेन से बांधते हैं। इसके बाद यह आने-जाने वालों पर भौंकते रहते हैं। जिससे वहां से जाने की हिम्मत लोग नहीं करते।
गंगानगर क्षेत्र निवासी अरविंद सिंह, गुरमीत, अजय पंवार, विजय सिंह कहते हैं कि जिस वक्त लोगों के सुबह, शाम टहलने का समय होता है तभी कुत्ते के मालिक भी उन्हें घुमाने ले आते हैं। चेन पर बंधे होने के बावजूद आक्रामक प्रजाति के कुत्ते हमले की फिराक में रहते हैं।
सूरत निगम के आदेश को बनाएं नजीर
हाल ही में गुजरात स्थित सूरत नगर निगम ने एक आदेश जारी किया। जिसमें कुत्ता पालने के लिए आसपास के 10 घरों से एनओसी लेने को अनिवार्य किया गया। पड़ोसियों की सहमति के बाद ही लोग घर में कुत्ता पाल सकते हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता गजपाल बिष्ट, सूरत सिंह, विवेक कुमार का कहना है कि इस तरह का नियम सभी जगह होना चाहिए। इसे नजीर के तौर पर लागू किया जाना चाहिए। जिससे आक्रामक प्रजाति के कुत्तों के पालने पर रोक लग पाएगी।
स्वागतम की जगह कुत्तों से सावधान के बोर्ड
पिछले कुछ सालों में कई घरों के बाहर कुत्तों से सावधान का बोर्ड भी लोगों ने लगाया है। ऐसा अधिकांश उन घरों में किया जाता है जहां आक्रामक प्रजाति के कुत्ते पाले जाते हैं।
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