देहरादून में प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराई दो हेक्टेयर भूमि, झेलना पड़ा विरोध
दून में भूमाफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि वो सरकारी जमीनों को भी खुर्द-बुर्द करने से नहीं चूक रहे। डांडा लखौंड में उस दो हेक्टेयर भूमि की भी सौदेबाजी कर दी गई जो राज्य सरकार में निहित है। उक्त भूमि में कुछ भाग नगर निगम का भी है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। दून में भूमाफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि वो सरकारी जमीनों को भी खुर्द-बुर्द करने से नहीं चूक रहे। डांडा लखौंड में उस दो हेक्टेयर भूमि की भी सौदेबाजी कर दी गई, जो राज्य सरकार में निहित है। उक्त भूमि में कुछ भाग नगर निगम का भी है। इस भूमि पर लॉकडाउन के बाद से अब तक बड़ी संख्या में झोपड़ियां और कच्चे-पक्के भवन बना दिए गए। हालांकि, जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव के निर्देश पर गुरुवार को जिला प्रशासन और नगर निगम की संयुक्त टीम ने विरोध के बीच सभी अतिक्रमण ध्वस्त कर दिए।
उप जिलाधिकारी सदर गोपाल राम बिनवाल और तहसीलदार सदर दयाराम के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाने के लिए टीम जैसे ही डांडा लखौंड पहुंची, कई व्यक्ति विरोध में खड़े हो गए। हालांकि, पुलिस की मौजूदगी में उनकी एक नहीं चली। बताया गया कि जो व्यक्ति मौके पर निर्माण कर रहे थे, उन्हें यहां जमीन औने-पौने दाम पर बेची गई थी। कई व्यक्ति जमीन कब्जाने के लिए चहारदीवारी खड़ी भी कर चुके थे। पूछताछ में उप जिलाधिकारी बिनवाल को पता चला कि दो व्यक्ति इस सरकारी भूमि का सौदा कर रहे हैं। प्रशासन और नगर निगम ने रायपुर पुलिस को संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ तहरीर दी है।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि फिलहाल डांडा लखौंड की सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त करा दिया गया है। यहां दोबारा कब्जे न हों, इसके लिए उचित सीमांकन कराने के निर्देश दिए गए हैं। सभी उप जिलाधिकारियों और नगर निकायों को निर्देश दिए गए हैं कि वह सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों की स्थिति स्पष्ट करें, जिससे भूमाफिया और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा सके।