अब और निखरेगा टिहरी झील क्षेत्र, एडीबी ने दी 1116 करोड़ की वित्तीय मदद
एडीबी उत्तराखंड के टिहरी झील क्षेत्र में पर्यटन विकास के लिए 1116 करोड़ रुपये की सहायता देगा। इस क्षेत्र को प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में पहचाना गया है। केंद्र सरकार और एडीबी के बीच ऋण करार पर हस्ताक्षर हुए हैं। इस परियोजना से स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को लाभ होगा। बुनियादी ढांचे के विकास स्वच्छता और आपदा प्रबंधन पर ध्यान दिया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड के टिहरी झील क्षेत्र में सतत, समावेशी और जलवायु अनुकूल पर्यटन विकास को अब एडीबी ने आगे हाथ बढ़ाया है। इसके तहत एडीबी इसके लिए 1116 करोड़ रुपये (126.42 मिलियन डालर) से अधिक की सहायता देगा।
इसके लिए केंद्र सरकार और एडीबी के बीच नई दिल्ली में ऋण करार पर हस्ताक्षर भी किए गए हैं। इससे 87 हजार से अधिक स्थानीय निवासियों और प्रतिवर्ष आने वाले 27 लाख पर्यटकों को लाभ मिलेगा।
उत्तराखंड के टिहरी क्षेत्र सबसे जलवायु संवेदनशील होने के साथ ही आर्थिक रूप से वंचित भी है। यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इसके लिए यहां बुनियादी ढांचे के विकास, बेहतर स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन के साथ ही आपदा प्रबंधन की जरूरत महसूस हो रही थी। इसे देखते हुए केंद्र ने इस पर एडीबी को क्षेत्र के विकास का प्रस्ताव दिया था। जिस पर एडीबी ने 1116 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण को मंजूरी प्रदान कर दी है।
नई दिल्ली में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों की संयुक्त सचिव जूही मुखर्जी और एडीबी के भारत में प्रभारी काई वेई येओ के बीच करार पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते पर हस्ताक्षर के बाद संयुक्त सचिव जूही मुखर्जी ने कहा कि इस ऋण से टिहरी झील क्षेत्र को एक विविधतापूर्ण, सभी मौसम में पर्यटन के लिए उपयुक्त पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। इस क्षेत्र को प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में पहचाना गया है।
एडीबी के प्रभारी अधिकारी येओ ने कहा कि यह परियोजना जलविद्युत उत्पादन करने वाली झील के आसपास स्थायी पर्यटन के लिए एक माडल को प्रस्तुत करती है। इसमें रोजगार सृजन, स्थानीय निवासियों की आय में वृद्धि और जलवायु को अनुकूल रखने के लिए बहुद्देशीय दृष्टिकोण को अपनाया गया है।
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