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    देहरादून में डीएम की सख्‍ती, अवैध पेट शॉप और डॉग ब्रीडर्स की होगी जांच

    Updated: Fri, 11 Jul 2025 07:25 PM (IST)

    देहरादून के जिलाधिकारी ने शहर में अवैध रूप से चल रहे पेट शॉप डॉग ब्रीडर्स और मीट की दुकानों पर सख्ती दिखाई है। दैनिक जागरण में छपी खबर पर संज्ञान लेते हुए उन्होंने जांच के लिए एक समिति गठित की है। समिति अवैध दुकानों का सर्वे कर रिपोर्ट देगी जिसके बाद उन्हें तत्काल बंद किया जाएगा। आवारा कुत्तों के बंध्याकरण और घायल पशुओं के इलाज के लिए निर्देश जारी किए।

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    जिलाधिकारी सविन बंसल ने लिया दैनिक जागरण में प्रकाशित समाचार का संज्ञान। जागरणआर्काइव

    जागरण संवाददाता, देहरादून। शहर में डाग ब्रीडर्स और पेट शाप की जांच की जाएगी। अवैध रूप से संचालित पेट शाप, ब्रीडर्स सेंटर व मीट की दुकानों को तत्काल बंद कराया जाएगा।

    जिलाधिकारी सविन बंसल ने दैनिक जागरण में प्रकाशित समाचार का संज्ञान लेते हुए विभिन्न विभागों के साथ बैठक आयोजित कर अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने इस संबंध में एक समिति का गठन करने के निर्देश दिए हैं।

    शुक्रवार को ऋषिपर्णा सभागार में आयोजित पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में डाग ब्रीडर्स और पेट शाप के अनिवार्य पंजीकरण का फैसला लिया गया।

    जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि नगर क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित किसी भी पेट शाप को तत्काल बंद कराया जाए। इस कार्य के लिए नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारियों और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को सख्ती से निर्देशों के अनुपालन का जिम्मा सौंपा गया।

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    जिलाधिकारी ने एसडीएम की अध्यक्षता में एक समिति गठित की, जिसमें सीवीओ, नगर निगम और खाद्य सुरक्षा अधिकारी शामिल होंगे। यह समिति नगर क्षेत्र में संचालित अवैध मीट शाप और डेयरियों का सर्वे करेगी। समिति को 15 दिनों के भीतर सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

    बैठक में नगर आयुक्त नमामी बंसल, एसडीएम अपूर्वा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एससी जोशी, डा. शैलेंद्र, डा मंजीत सिंह, डा पूजा पांडे, सीमा शर्मा आदि उपस्थित रहे।

    आवारा श्वानों पर अंकुश

    जिलाधिकारी ने शहरी क्षेत्रों में लावारिस कुत्तों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताते हुए उनके बंध्याकरण (स्टेरिलाइजेशन) की दिशा में ठोस और तेज कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

    चोटिल पशुओं के लिए दो वाहन स्वीकृत

    जिलाधिकारी ने घायल और बीमार पशुओं के लिए तत्काल दो परिवहन वाहनों की स्वीकृति दी है। इसके संचालन के लिए पीआरडी से मैनपावर की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए गए। संबंधित विभागों को समन्वय बनाकर घायल पशुओं के इलाज, टीकाकरण और दवाओं की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है।

    ग्रामीण क्षेत्रों में दो नई गोशालाएं जल्द होंगी तैयार

    बैठक में यह भी तय किया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में दो नई गोशालाएं अगले एक महीने में तैयार की जाएंगी। इसके साथ ही नगर निकायों और जिला पंचायत क्षेत्रों में घूमने वाले आवारा पशुओं को गोशाला, कांजी हाउस या गो-सदनों में स्थानांतरित कर उचित देखभाल दी जाएगी।