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    देहरादून में ABVP का 71वां राष्ट्रीय अधिवेशन, अब तक 77 लाख सदस्य जुड़े

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 12:56 PM (IST)

    देहरादून में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का 71वां राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित हुआ। राष्ट्रीय महामंत्री ने बताया कि संगठन से 77 लाख लोग जुड़े हैं, जो ABVP की लोकप्रियता को दर्शाता है। अधिवेशन में देश भर से कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और संगठन के भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की गई। ABVP छात्रों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है।

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    अभाविप का 71 वां राष्ट्रीय अधिवेशन देहरादून के परेड मैदान में शुरू हो गया है। Jagran

    जागरण संवाददाता, देहरादून। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) का 71 वां राष्ट्रीय अधिवेशन देहरादून के परेड मैदान में शुरू हो गया है। यहां बनाए गए भगवान बिरसा मुंडा नगर में विभिन्न राज्यों से आए 1500 से अधिक प्रतिनिधि पहुंचे हैं।

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    पहले दिन डा. रघुराज किशोर तिवारी को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा की गई। राष्ट्रीय महामंत्री डा. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि पिछले वर्ष संगठन की सदस्य संख्या 59.36 लाख थी, जो इस बार बढ़कर लगभग 77 लाख हो गई है।

    यह वृद्धि युवाओं के बीच अभाविप के प्रति मजबूत होते विश्वास और संगठन की सक्रिय कार्यशैली का स्पष्ट संकेत है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष एस सोमनाथ उद्घाटन सत्र में शामिल हुए हैं। तीन दिवसीय अधिवेशन में परिषद की प्रस्ताव समिति की ओर से तैयार पांच विशेष प्रस्ताव पारित किए जाएंगे।

    अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रघुराज किशोर तिवारी ने कहा कि अभाविप दुनिया का सबसे बड़ा छात्र संगठन है, जिसने 75 वर्ष पूरे करते हुए व्यक्ति निर्माण और छात्र शक्ति–राष्ट्र शक्ति के संकल्प को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि संगठन युवाओं को संकल्पित, संस्कारवान और संवेदनशील बनाने का कार्य कर रहा है।छात्र संगठन में शिक्षकों की भूमिका पर उन्होंने कहा कि युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा देने में शिक्षक अनिवार्य मार्गदर्शक हैं।

    चंद्रगुप्त–चाणक्य का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि कर्तव्यपथ पर आगे बढ़ाने में शिक्षक की भूमिका सदैव महत्वपूर्ण रहती है।डॉ. तिवारी ने कहा कि अभाविप की समाज में स्वीकार्यता बढ़ी है। अभिभावक आज कॉलेज प्रवेश के साथ अभाविप कार्यालय का पता पूछते हैं। उन्होंने बताया कि कार्यकर्ताओं की सेवा भावना ने संगठन को यह गौरव दिलाया है।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष पर उन्होंने कहा कि अभाविप पंच परिवर्तन के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है।