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उत्तराखंड में भूस्खलन से 71 सड़कें बंद, भारी बारिश की चेतावनी

बारिश के कारण सड़कों पर मलबा आने से यात्रियों को घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। आलम यह है कि बीते एक सप्ताह से उत्तराखंड में 71 सड़कें भूस्खलन के कारण बंद हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 10 Jul 2018 10:00 PM (IST)Updated: Wed, 11 Jul 2018 05:14 PM (IST)
उत्तराखंड में भूस्खलन से 71 सड़कें बंद, भारी बारिश की चेतावनी
उत्तराखंड में भूस्खलन से 71 सड़कें बंद, भारी बारिश की चेतावनी

देहरादून, [जेएनएन]: प्रदेश में मौसम के तल्ख तेवर बरकरार हैं। विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कों पर मलबा आने से यात्रियों को घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। आलम यह है कि बीते एक सप्ताह से उत्तराखंड में 71 सड़कें भूस्खलन के कारण बंद हैं। इस बीच कुमाऊं के बागेश्वर में बारिश से खासा नुकसान हुआ है। जिले में तीन मकान क्षतिग्रस्त हो गए और हालात को देखते हुए 10 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है। जिले के कपकोट-कर्मी मार्ग पर चार वाहन मलबे में दब गए, जबकि पिथौरागढ़ जिले में थल-मुनस्यारी मार्ग दस घंटे बंद रहा। तल्ला जोहार क्षेत्र में दर्जनों वाहन फंसे रहे और एक पैदल पुल भी बह गया। लगातार बारिश से अलकनंदा, मंदाकिनी, नंदाकिनी, सरयू, गोरी और काली नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। 

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मलबा हटाने में लग सकता है एक सप्ताह

मौसम की सर्वाधिक मार सड़कों पर पड़ रही है। पिथौरागढ़ जिले में दो दर्जन मोटर मार्गों पर मलबा आया हुआ है और छह पुल बह चुके हैं। वहीं पौड़ी जिले में भी यह संख्या 29 है। अन्य जिलों में भी कई मार्गों पर आवागमन बाधित है। प्रशासन के अनुसार इन मार्गों से मलबा हटाने में एक हफ्ते से ज्यादा का वक्त लग सकता है। इसके अलावा देहरादून जिले के जौनसार क्षेत्र की स्थिति भी अलग नहीं है। मंगलवार को चकराता हाईवे पर मलबा आने से चार स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है। इसके अलावा टिहरी में गंगोत्री हाईवे पर भी मलबा आने से यातायात बाधित रहा। हालांकि बदरीनाथ और केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही सुचारु है।

आज भी भारी बारिश के आसार

मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल मौसम में परिवर्तन के आसार नहीं हैं। आने वाले चौबीस घंटे के दौरान देहरादून, टिहरी और उत्तरकाशी के साथ ही कुमाऊं में सतर्क रहने की जरूरत है। 

मसूरी में कैम्पटी फाल में आया उफान

मंगलवार तड़के से शुरू हुई मूसलाधार बारिश से प्रसिद्ध कैम्पटी फाल में उफान आ गया। पानी के साथ बोल्डर (विशाल पत्थर) आने से आसपास के दुकानदार सहम गए। हालांकि बारिश थमने पर स्थिति सामान्य हो गई। दूसरी ओर मसूरी के समीप क्यारकुली गांव में भूस्खलन से एक मकान क्षतिग्रस्त हो गया। इससे एक महिला को हल्की चोट आई है। 

तीन दिन दिन से पिथौरागढ़ में ही रुके हैं कैलास-मानसरोवर यात्री 

उच्च हिमालय में खराब मौसम के चलते कैलास-मानसरोवर यात्रा के सातवें दल के 57 सदस्य तीसरे दिन भी गुंजी नहीं जा पाए। इन यात्रियों को हेलीकॉप्टर से भेजा जाना है, लेकिन मौसम के कारण उड़ान संभव नहीं हो पा रही है। दूसरी ओर कैलास-मानसरोवर से लौटे तीसरा दल भी गुंजी से पिथौरागढ़ जाने का इंतजार कर रहा है। इसके अलावा चौथा दल भी कैलास-मानसरोवर की परिक्रमा पूरी कर गुंजी लौट आया है।

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