Move to Jagran APP

भारतीय सैन्य अकादमी की मुख्यधारा में शामिल हुए 68 कैडेट, 118 वें दीक्षा समारोह में डिग्री से नवाजा गया

आर्मी कैडेट कालेज (एसीसी) के 68 कैडेट ग्रेजुएट होकर भारतीय सैन्य अकादमी की मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। शुक्रवार को अकादमी के खेत्रपाल सभागार में आयोजित एसीसी के 118वें दीक्षा समारोह में इन कैडेट को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की डिग्री प्रदान की गई।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 10:51 AM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 08:37 PM (IST)
भारतीय सैन्य अकादमी की मुख्यधारा में शामिल हुए 68 कैडेट, 118 वें दीक्षा समारोह में डिग्री से नवाजा गया
भारतीय सैन्य अकादमी की मुख्यधारा में शामिल हुए 68 कैडेट। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, देहरादून: आर्मी कैडेट कालेज (एसीसी) के 68 कैडेट ग्रेजुएट होकर भारतीय सैन्य अकादमी की मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। शुक्रवार को अकादमी के खेत्रपाल सभागार में आयोजित एसीसी के 118वें दीक्षा समारोह में इन कैडेट को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की डिग्री प्रदान की गई। अकादमी के कमांडेंट ले. जनरल हरिंदर सिंह ने कैडेट को दीक्षित किया।

loksabha election banner

आइएमए में अब एक साल का प्रशिक्षण लेकर यह कैडेट बतौर अधिकारी सेना में शामिल होंगे। उपाधि पाने वालों में 31 कैडेट विज्ञान और 37 कैडेट कला वर्ग के हैैं। कमांडेंट ले. जनरल हरिंदर सिंह ने अफसर बनने की राह पर अग्रसर इन कैडेट के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

उन्होंने कैडेट को याद दिलाया कि एसीसी ने देश को बड़ी संख्या में ऐसे जांबाज अफसर दिए हैं। जिन्होंने अपनी क्षमता के बलबूते कई वीरता पदक जीते। जिनमें न केवल आइएमए का प्रतिष्ठित स्वार्ड आफ आनर बल्कि असाधारण साहस व बलिदान के लिए मिलने वाले परमवीर चक्र व अशोक चक्र जैसे वीरता पदक भी शामिल हैं। एसीसी के कई कैडेट सेना में उच्च पदों पर आसीन हुए हैं। उन्होंने कहा कि उपाधि पाने वाले कैडेट की जिंदगी का यह एक अहम पड़ाव है। देश की आन, बान और शान बनाए रखने की जिम्मेदारी अब उनके हाथों में होगी। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेट को बधाई देते हुए कहा कि वह अपने प्रदर्शन में निरंतरता बनाए रखें। इससे पहले एसीसी के प्रधानाचार्य डा. नवीन कुमार ने कालेज की प्रगति रिपोर्ट पेश की। एसीसी विंग के कमांडर ब्रिगेडियर शैलेश सती ने सभी कैडेट को बधाई दी।

इन्हें मिला पुरस्कार

चीफ आफ आर्मी स्टाफ मेडल

  • स्वर्ण- मनोज बृजवासी
  • रजत- नितेश सिंह बिष्ट
  • कांस्य- मनप्रीत सिंह
  • कमांडेंट बैनर- कारगिल कंपनी

कमांडेंट सिल्वर मेडल

  • सर्विस- मनप्रीत सिंह
  • कला-मनप्रीत सिंह
  • विज्ञान- मनोज बृजवासी

किचनर कालेज से शुरू हुआ सफर

एसीसी की नींव दि किचनर कालेज के रूप में वर्ष 1929 में तत्कालीन फील्ड मार्शल बिडवुड ने मध्य प्रदेश के नौगांव में रखी थी। 16 मई 1960 में किचनर कालेज आर्मी कैडेट कालेज के रूप में कार्य करने लगा, जिसका उद्घाटन तत्कालीन रक्षा मंत्री वीके कृष्णा व जनरल केएस थिमैया ने किया था। यहां से पहला दीक्षा समारोह 10 फरवरी 1961 को हुआ। वर्ष 1977 में एसीसी को भारतीय सैन्य अकादमी से अटैच कर दिया गया। वर्ष 2006 में कालेज आइएमए का अभिन्न अंग बन गया। कालेज सैनिकों को अधिकारी बनने का मौका देता है। यहां से पास आउट होकर कैडेट आइएमए में जेंटलमैन कैडेट के रूप में प्रशिक्षण लेकर सैन्य अफसर बनने की खूबियां अपने भीतर समाहित करते हैं।

यह भी पढ़ें- भारतीय सेना को मिलेंगे 319 युवा अफसर, आइएमए की पासिंग आउट परेड 11 दिसंबर को; राष्ट्रपति कोविन्‍द लेंगे परेड की सलामी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.