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देहरादून में कोरोना के 61 फीसद मामले मई के 16 दिन में आए

मई के बीते दिन कितने भारी पड़े इसका अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि दून में 14 माह में आए कोरोना के कुल मामलों में 61 फीसद इस मई के 16 दिन में ही दर्ज किए गए। कोरोना से दून में जो मौत अब तक दर्ज की गई हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 08:47 AM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 08:47 AM (IST)
घंटाघर स्थित आंबेडकर पार्क में व्यक्ति का कोविड टेस्ट के लिए सेंपल लेता स्वास्थ्य कर्मी। जागरण

सुमन सेमवाल, देहरादून। दून को कोरोना से जूझते हुए 14 माह हो चुके हैं। 15 मार्च 2020 को प्रदेश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला दून में ही सामने आया था। बीते साल सितंबर में यहां कोरोना का संक्रमण चरम पर था और इस साल जनवरी-फरवरी तक दून संक्रमण से मुक्ति की तरफ बढ़ने लगा था। सरकारी मशीनरी ने लंबी कसरत के बाद राहत की सांस ली ही थी कि कोरोना की दूसरी लहर जोर मारने लगी। अप्रैल के आरंभ में इसके संकेत मिलने लगे थे और माह के मध्य से आंकड़े उछाल मारने लगे। मई में अचानक कोरोना संक्रमण का ऐसा प्रसार हुआ कि सभी इंतजाम बौने नजर आने लगे। मई के बीते दिन कितने भारी पड़े, इसका अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि दून में 14 माह में आए कोरोना के कुल मामलों में 61 फीसद इस मई के 16 दिन में ही दर्ज किए गए। कोरोना से दून में जो मौत अब तक दर्ज की गई हैं, उनमें 41 फीसद इन्हीं 16 दिन में सामने आई।

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30 अप्रैल 2021 तक दून में कोरोना की संक्रमण दर 8.81 फीसद थी, जो मई के 16 दिन में बढ़कर 11.82 फीसद को पार कर गई। हालांकि, इन्हीं दिनों में 16 मई की तारीख दून के लिए नई उम्मीद भी लेकर आई। मुश्किल दिनों में पहली दफा संक्रमण दर 12.60 फीसद के साथ जिले के अब तक के औसत से भी नीचे पाई गई। इसके साथ ही अब कोरोना के जितने नए मामले दैनिक आधार पर आ रहे हैं, उससे अधिक व्यक्ति कोरोना को मात देकर स्वस्थ होने लगे हैं।

मौत के आंकड़े जरूर तनाव दे रहे हैं, मगर अब इनमें भी कमी दिखने लगी है। जिला प्रशासन का मानना है कि कोरोना कफ्र्यू में लागू किए गए अधिकतर प्रतिबंध व विभिन्न प्रयास के बूते कोरोना की रफ्तार में लगाम लगती दिख रही है। कोरोना के इसी उतार-चढ़ाव की स्थिति जानने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को देशभर के 46 जिलों के जिलाधिकारियों के साथ दून के जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव से भी रूबरू होंगे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुबह 11 बजे जिलाधिकारी प्रधानमंत्री से सीधे जुड़ेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और मुख्य सचिव ओमप्रकाश भी मौजूद रहेंगे। 

कोरोना पर नियंत्रण को कंटेनमेंट जोन की संख्या 100 पार

कोरोना संक्रमण की रोकथाम को जिला प्रशासन तेजी से कंटेनमेंट जोन (नियंत्रण क्षेत्र) बना रहा है। यही वजह है कि प्रदेश में सबसे अधिक कंटेनमेंट जोन दून में ही बनाए गए हैं। वर्तमान में दून में 100 से अधिक कंटेनमेंट जोन अस्तित्व में हैं।

संक्रमण की रोकथाम में तेजी के चलते कम हो रहा दबाव

कोरोना संक्रमण जब छह से नौ मई के बीच चरम पर था, तब सर्वाधिक मांग वेंटीलेटर व आक्सीजन की थी। दून में प्रतिदिन आक्सीजन की औसत मांग करीब 75 मीट्रिक टन है और इतनी मांग आसानी से पूरी हो जाती है। कोरोना के चरम में यह मांग 90 मीट्रिक टन को पार कर गई थी। ऐसे में प्रशासन के लिए आक्सीजन की बढ़ी हुई मांग को पूरा करना चुनौती बन गया था। अस्पतालों में किसी तरह मांग पूरी की जा रही थी, मगर निजी स्तर पर सिलिंडरों को रीफिल कराने के लिए लोग मारे-मारे फिरने लगे थे। कुछ यही हाल वेंटीलेटर को लेकर भी था। तमाम मरीज व तीमारदार वेंटीलेटर के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर लगाते देखे गए और कई व्यक्तियों को इसके बाद भी यह सुविधा मयस्सर नहीं हो पाई।

दून में अस्पतालों के संसाधनों की तस्वीर

  • सामान्य बेड, 759
  • ऑक्सीजन वाले बेड, 1991
  • आइसीयू बेड, 761

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