Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Success Story: इस अधिकारी ने 59 साल की उम्र में UGC नेट की परीक्षा पास कर पेश की मिसाल, व्यस्तता के बीच निकाला पढ़ाई का समय

    By ashok kadiyalEdited By: Nitesh Srivastava
    Updated: Tue, 22 Oct 2024 02:32 PM (IST)

    देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) प्रदीप रावत ने 59 साल की उम्र में यूजीसी नेट परीक्षा पास कर एक मिसाल पेश की है। व्यस्तता के बावजूद उन्होंने हर ...और पढ़ें

    Hero Image
    देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत l साभार स्वयं

    अशोक केडियाल, देहरादून। किसी भी कार्य के लिए उम्र मायने नहीं रखती, बस लगन पक्की होनी चाहिए। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) प्रदीप रावत। एक वर्ष बाद सेवानिवृत्त होने जा रहे प्रदीप ने 59 वर्ष की आयु में यूजीसी नेट परीक्षा उत्तीर्ण कर मिसाल पेश की है। उन्होंने इसी वर्ष 21 अगस्त से पांच सिंतबर के बीच संपन्न हुई यूजीसी नेट परीक्षा में प्रतिभाग किया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लैंसडौन विधायक महंत दिलीप रावत उनके छोटे भाई हैं। पिछले 36 वर्ष में शिक्षा विभाग में कई अहम पदों पर रह चुके प्रदीप वर्तमान में देहरादून जनपद के 1,209 राजकीय विद्यालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इसके अलावा कई प्रशासनिक कार्य भी उनके जिम्मे हैं। शिक्षकों की समस्याओं के साथ विभाग के अन्य कार्मिकों की परेशानियों का भी संज्ञान लेते हैं।

    प्रदेश और प्रदेश से बाहर शैक्षिक उन्नयन की बैठकों में शामिल होने के साथ ही वह जनपद के सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों के ठीक ढंग से संचालन, समय पर परीक्षा व मूल्यांकन के लिए भी प्रयासरत रहते हैं। इतनी व्यस्तता के बावजूद हर रोज दो से तीन घंटे अध्ययन करना नहीं भूलते। इसी जज्बे के बूते उन्होंने यूजीसी नेट में सफलता प्राप्त की।

    शिक्षकों को मिले प्रेरणा, इसलिए दी परीक्षा

    सीईओ प्रदीप रावत बताते हैं कि उन्होंने यूजीसी नेट की परीक्षा किसी नौकरी के लिए नहीं, बल्कि शिक्षकों और समाज को यह संदेश देने के लिए दी कि पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती। उनका कहना है कि शिक्षक को तो पूरी उम्र अध्ययन करना चाहिए, ताकि वह छात्रों को बेहतर ढंग से पढ़ा सके। वह भी खुद को जीवनभर अध्ययन से जुड़ा रखना चाहते हैं और युवा पीढ़ी से प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं।

    विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं की बहाली है उद्देश्य

    सीईओ प्रदीप रावत का उद्देश्य देहरादून जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में शत प्रतिशत बुनियादी सुविधाओं की बहाली और शिक्षा उन्नयन को लेकर केंद्र व राज्य सरकार की ओर से संचालित कार्यक्रमों को लागू कर उनको सफल बनाना हैं। हालांकि, वह मानते हैं कि सरकारी विद्यालयों में निजी विद्यालयों की तर्ज पर शिक्षा के लिए शिक्षकों को प्रेरित करना चुनौती है। शोध एवं नवाचार से ग्रामीण युवाओं को जोड़ना भी आसान नहीं।

    गुजरात से लेकर उत्तराखंड तक की शिक्षा के क्षेत्र में सेवा

    मूलरूप से पौड़ी जिले के कोटद्वार निवासी प्रदीप रावत ने भौतिक विज्ञान से एमएससी करने के बाद वर्ष 1988 में बतौर शिक्षक करियर की शुरुआत की। वर्ष 1999 में उन्होंने कमीशन प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद में बतौर संयुक्त सचिव सेवा दी। फिर वह एनआइओएस के क्षेत्रीय निदेशक गुजरात और क्षेत्रीय निदेशक देहरादून रहे।

    एससीईआरटी में एचओडी के पद पर भी कार्यरत रहे। पिछले दो वर्ष से वह देहरादून के सीईओ का दायित्व निभा रहे हैं। अध्ययन के प्रति प्रदीप के लगाव का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि एमएससी करने के बाद उन्होंने दर्शनशास्त्र और राजनीति विज्ञान से भी स्नातकोत्तर किया।