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    उत्तराखंड में दो माह में बने 25 लाख गोल्डन कार्ड, इतनों का हुआ उपचार

    By BhanuEdited By:
    Updated: Tue, 05 Mar 2019 08:14 PM (IST)

    अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के तहत राज्य में दो माह में करीब 25 लाख गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं। इससे अब तक 11 हजार 422 मरीजों को उपचार मिल चुका है।

    उत्तराखंड में दो माह में बने 25 लाख गोल्डन कार्ड, इतनों का हुआ उपचार

    देहरादून, जेएनएन। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के तहत राज्य में दो माह में करीब 25 लाख गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं। स्टेट हेल्थ एजेंसी का दावा है कि इनमें से 99 फीसद गोल्डन कार्ड आधार से सत्यापित हैं। इस योजना के तहत सूचीबद्ध सरकारी व निजी अस्पतालों में अब तक 11 हजार 422 मरीजों को उपचार मिल चुका है। इनके इलाज पर दस करोड़ 9 लाख से अधिक का खर्च हुआ है। 241 मरीजों को राज्य से बाहर के सूचीबद्ध अस्पतालों में भी उपचार का लाभ मिला है। अधिकांश मरीजों का उपचार सरकारी अस्पतालों में हुआ है।

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    बता दें, राज्य में बीती 25 दिसंबर को अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना की शुरुआत हुई थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दावा किया था कि प्रदेश के 23 लाख परिवारों को इस योजना के दायरे में शामिल किया जाएगा। परिवार के प्रत्येक लाभार्थी के लिए अलग-अलग गोल्डन कार्ड बनाना जरूरी है। लाभार्थियों को सालाना पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज (कैशलेस) मिलेगा। 

    इस योजना के तहत उपचार के लिए राज्य में 165 से अधिक निजी व सरकारी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया जा चुका है। सरकारी अस्पतालों में उपचार की व्यवस्था नहीं होने व रेफर होने पर ही लाभार्थी को सूचीबद्ध निजी अस्पताल में इस योजना के अंतर्गत बीमारी का इलाज करने का लाभ मिलेगा। 

    वर्ष 2011 की सामाजिक, आर्थिक व जातीय जनगणना के अनुसार पूर्व में तकरीबन पांच लाख परिवारों को ही आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिल रहा था। योजना के अंतर्गत लाभार्थी मरीजों को 1350 प्रकार की बीमारियों के उपचार की सुविधा मिलेगी। 

    दून की नई ओपीडी का एक ब्लॉक तैयार

    दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की नई ओपीडी का एक ब्लॉक बनकर तैयार है। जिसकी शुरुआत जल्द कर दी जाएगी। छह साल से निर्माणाधीन दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की नई ओपीडी बिल्डिंग का सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं महापौर सुनील उनियाल गामा शुभारंभ करेंगे। 

    सरकार ने 2 माह पूर्व यूपी निर्माण निगम को तत्काल ओपीडी के ए-ब्लॉक का काम पूरा करने के निर्देश दिए थे। प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने जीएम एके तिवारी एवं प्रोजेक्ट मैनेजर डीएस राणा के साथ नए भवन का निरीक्षण किया। 

    उन्होंने बताया कि यहां नेत्र रोग विभाग, ईएनटी, मानसिक रोग विभाग, चेस्ट एंड टीबी विभाग की ओपीडी का संचालन किया जाएगा। इसके बाद अन्य विभागों की ओपीडी चलेगी। नए ओपीडी ब्लॉक में रजिस्ट्रेशन, बिलिंग व सैंपल कलेक्शन सेंटर भी स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड की भी व्यवस्था यहां की जा रही है।

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