Move to Jagran APP

गढ़वाल राइफल्स की अप्रैल में बनेगी 22वीं बटालियन

उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शरथ चंद्र ने बताया कि आगामी एक अप्रैल को गढ़वाल राइफल की एक और पलटन 22वीं गढ़वाल की स्थापना की जाएगी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 25 Dec 2017 09:17 AM (IST)Updated: Mon, 25 Dec 2017 08:52 PM (IST)
गढ़वाल राइफल्स की अप्रैल में बनेगी 22वीं बटालियन
गढ़वाल राइफल्स की अप्रैल में बनेगी 22वीं बटालियन

देहरादून, [जेएनएन]: गढ़वाल राइफल्स की एक और नई बटालियन जल्द अस्तित्व में आ जाएगी। उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शरथ चंद्र ने बताया कि आगामी एक अप्रैल को गढ़वाल राइफल की एक और पलटन 22वीं गढ़वाल की स्थापना की जाएगी। 127 प्रादेशिक सेना पर्यावरण बल के कार्यों को इंगित करते हुए इको ब्रिगेड के गठन की भी बात उन्होंने कही। 

loksabha election banner

रविवार को दून में आयोजित कार्यक्रम में उप सेना प्रमुख ने कहा कि उत्तराखंड की गौरवशाली सैन्य परंपरा को देखते हुए यहां सेना का कोटा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए गढ़वाल राइफल्स की अलग बटालियन खोली जा रही है। कहा कि राज्यों के हिसाब से कई बार इस तरह की आपत्तियां भी आती रही हैं कि उत्तराखंड में सेना को बहुत अधिक कोटा दिया जा रहा है। लेकिन इस राज्य की गौरवशाली सैन्य परंपरा व युवाओं के लिए अन्य क्षेत्रों में नौकरियों के अवसर कम होने की वजह से सेना ने इन आपत्तियों को दरकिनार किया। 

उन्होंने बताया कि डांडा लखौंड में सैनिकों के बच्चों के लिए बन रहा हॉस्टल आगामी शिक्षा सत्र तक तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया कि गढ़वाल राइफल्स के सैनिकों के लिए कोटद्वार में अलग क्वार्टर बनाए जा रहे हैं। इनमें जेसीओ के लिए 24 और जवानों के लिए 108 क्वार्टर बनेंगे। जिन्हें बढ़ाकर 250 तक ले जाने का प्रस्ताव है। कोटद्वार में भूमि उपलब्ध होते ही केंद्रीय विद्यालय भी खोला जाएगा। वहीं लैंसडौन स्थित गढ़वाल रेजीमेंटल सेंटर के 135 पुराने प्रशासनिक भवन को नए स्वरूप में लाया जा रहा है।

उप सेना प्रमुख ने बताया कि श्रीनगर व थराली में सीएसडी कैंटीन खोल दी गई है। इसके अलावा भूमि उपलब्ध होने पर डोईवाला में भी कैंटीन खोली जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान के लिए सेना द्वारा राज्य में वर्ष 2011 से सतत मिलाप कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत पिछले पांच साल में 41 हजार 536 पूर्व सैनिकों से संपर्क साधा गया। 36 हजार से अधिक समस्याओं का समाधान किया जा चुका है। 

यह भी पढ़ें: मजदूर के बेटे ने अमेरिका में नौकरी को ठुकरा सुनी दिल की और चुनी देश सेवा

यह भी पढ़ें: देश को मिले 409 युवा सैन्य अफसर, मित्र देशों के 78 कैडेट भी हुए पासआउट

यह भी पढ़ें: जिंदगी की जंग में भी योद्धा साबित हुए ये जवान


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.