केदारनाथ में साधना को बनेंगी गुफाएं, मंदिर के पीछे बनेगी ब्रह्मवाटिका
केदारनाथ पुनर्निर्माण पर पीएम मोदी का विशेष फोकस है। यही वजह है कि केदारनाथ की आसपास की पहाड़ियों में साधु-संतों की साधना के लिए सात गुफाएं बनाई जानी हैं।
रुद्रप्रयाग, [बृजेश भट्ट]: केदारपुरी में पुनर्निर्माण कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावनाओं के अनुरूप शक्ल लेने लगे हैं। इस कड़ी में केदारनाथ की आसपास की पहाड़ियों में साधु-संतों की साधना के लिए सात गुफाएं बनाई जानी हैं। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि अक्सर यात्रा सीजन में भीड़ के चलते साधु-संतों को साधना के लिए स्थान तलाशने में काफी दिक्कत होती है। अक्टूबर में केदारनाथ पहुंचे प्रधानमंत्री ने भी ऐसी इच्छा व्यक्त की थी। इसी के मद्देनजर इसके लिए सर्वेक्षण के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रयास है कि गुफाएं अगले यात्रा सीजन से पहले तैयार हो जाएं।
जिलाधिकारी ने बताया कि इन गुफाओं में ठंड से तो निजात मिलेगी ही, एकांत होने से साधना में भी व्यवधान नहीं आएगा। गुफाओं की गहराई कितनी होगी और किन स्थानों पर इनका निर्माण होगा, इस बारे में सर्वे के बाद निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रयास रहेगा कि गुफा इतनी बड़ी अवश्य हो जिसमें दस से 15 साधुओं को स्थान मिल सके।
इसके अलावा केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे वाले क्षेत्र में ब्रह्मवाटिका आकार लेगी। इसके लिए सर्वे का कार्य शुरू कर दिया गया है। इस वाटिका का खास आकर्षण उच्च हिमालय में खिलने वाला देवपुष्प ब्रह्मकमल होगा। ब्रह्मवाटिका को इस तरह संवारा जाएगा, जिससे यात्री अधिक से अधिक समय बिता सकें। वाटिका में कई स्थानों पर बाबा केदार की महिमा की जानकारी भी दी जाएगी। यहां लगभग दो हेक्टेयर क्षेत्र में यात्रियों के बैठने के लिए बेंच भी लगाई जाएंगी।
संगम से हो रहे मंदिर के दर्शन
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केदारपुरी में मंदिर से सरस्वती व मंदाकिनी नदी के संगम तक बन रहा 300 मीटर लंबा पैदल मार्ग 50 मीटर चौड़ा हो गया है। मंदिर परिसर को भी 70 मीटर लंबा व 56 मीटर चौड़ा कर दिया गया है। अब इसमें खड़िंजा और फिर पहाड़ी पठाली (पत्थर की स्लेट) बिछाई जानी हैं। अब संगम तट से सीधे केदारनाथ मंदिर के भव्य दर्शन हो रहे हैं।
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